Zara Hatke | शुक्रवार मार्च 27, 2015 02:29 PM IST सती के वियोग में कभी भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया था। और उस वक़्त यहां सती के कान की मणि गिरी थी। जिससे इसका नाम मणिकर्णिका घाट पड़ गया। इसी मणिकर्णिका घाट पर चैत्र नवरात्री के सप्तमी को नार्तकियों के पांव के घुंघरू रात भर बजते और टूट कर बिखरते रहे।