Blogs | Rakesh Kumar Malviya |मंगलवार जनवरी 26, 2016 08:57 AM IST जनवरी के पहले तक रोहित वेमुला को शायद ही कोई जानता हो, लेकिन कथित हत्या के बाद देश ने गणतंत्र दिवस के सप्ताह भर पहले तक जो कुछ देखा, उसे भारत के हम लोग संविधान में समानता और बराबरी के हक की हत्या के रूप में ही देख रहे हैं।