India | Reported by: भाषा |शुक्रवार मार्च 12, 2021 06:12 PM IST पूरे घटनाक्रम को ‘‘वामपंथी फासीवाद की अभिव्यक्ति’’ बताते हुए कौशिक कार ने कहा, ‘‘कोई अनुभवहीन व्यक्ति जिसका जनता से कोई जुड़ाव नहीं है और जो प्रगतिवादी सांस्कृतिक इतिहास को नहीं जानता हो, वह सांप्रदायिकता पर भाषण दे रहा है और ऐसा व्यक्ति ही इस तरह का फैसला कर सकता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस एकतरफा फैसले से हैरान हूं.’’