'पुरातात्विक खुदाई'

- 12 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: भाषा, Edited by: विजय शंकर पांडेय |मंगलवार दिसम्बर 12, 2023 02:00 AM IST
    ह्वेनसांग, जिसे जुआनज़ांग के नाम से भी जाना जाता है, एक चीनी विद्वान थे जिन्होंने राजा हर्ष वर्धन के शासनकाल के दौरान बौद्ध धर्मग्रंथ प्राप्त करने के लिए 629 और 645 ईस्वी के बीच भारत में विभिन्न स्थानों की यात्रा की थी.
  • India | Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: समरजीत सिंह |मंगलवार मई 30, 2023 05:07 PM IST
    पुराने किले में कई जगहों पर अलग अलग वक्त पर पुरातात्विक खुदाई होती रही है. इस बार पुराना किले के दूसरी साइट पर चल रही खुदाई से मुगलकाल से लेकर पूर्व मौर्य काल तक की सभ्यता के निशान मिल रहे हैं.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार अक्टूबर 16, 2019 09:36 AM IST
    अयोध्या केस में गुरुवार को 32 वें दिन की सुनवाई हुई. राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के मामले में भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) रिपोर्ट पर मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश मीनाक्षी अरोड़ा ने बुधवार को सवाल उठाया था. लेकिन आज मुस्लिम पक्षकारों के लिए ही पेश राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कल की दलीलें निरर्थक थीं. रिपोर्ट की प्रमाणिकता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. एएसआई की रिपोर्ट की प्रामाणिकता संदेह में नहीं है. दरअसल मीनाक्षी अरोड़ा ने बुधवार को कहा था कि एएसआई की रिपोर्ट पर कोई साइन नहीं थे. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि रिपोर्ट के साथ फार्वडिंग लेटर था.
  • India | Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: मानस मिश्रा |शुक्रवार सितम्बर 6, 2019 03:48 PM IST
    पुणे के दक्कन कॉलेज आफ आर्कियोलॉजी के प्रोफेसर वसंत शिंदे की अगुवाई में 2015 से राखीगढ़ी के टीलों की पुरातात्विक खुदाई शुरू हुई थी. यहां पर साढ़े चार हजार साल पुराने नर कंकाल मिले थे.  इनका डीएनए सैंपल पहले बीरबल इंस्टीट्यूट आफ पेलिओबॉटनी में भेजा गया था. प्रोफेसर वीएस शिंदे ने  पुरातात्विक और डीएनए टेस्ट का साइंटिस्ट आकलन करने के बाद पाया है कि  हड़प्पा सभ्यता को विकसित करने वाले आर्यन नहीं बल्कि भारतीय उपमहाद्वीप के लोग ही थे.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार अक्टूबर 16, 2019 10:00 AM IST
    अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद (Ayodhya Land Dispute Case) मामले में शुक्रवार को सातवें दिन की सुनवाई हुई. कोर्ट में रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने आर्कियालॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की खुदाई और रिपोर्ट के आधार पर दावा किया है कि जिस तरह की विशाल इमारत नीचे मिलने के प्रमाण मिले हैं वे बताते हैं कि वहां एक विशाल मंदिर था, जो आम जनता के दर्शन के लिए था. जस्टिस चंद्रचूड़ ने वैद्यनाथन से कहा कि आप साबित करें कि बाबरी मस्ज़िद मंदिर या किसी धार्मिक इमारत के ऊपर बनी है? रामलला विराजमान की तरफ से कहा गया कि विवादित स्थल की खुदाई से मिले पुरातात्विक अवशेष से यह साफ पता चलता है कि वहां मंदिर था.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव |सोमवार जुलाई 23, 2018 02:50 PM IST
    अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुनवाई के बीच सुप्रीम कोर्ट में अब तीसरे पक्ष ने याचिका दायर की है. बौद्ध समुदाय के कुछ लोगों ने दावा किया है कि यह विवादित जमीन बौद्धों की है और यह पहले एक बौद्ध स्थल था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है और कहा है कि मुख्य मुद्दे की सुनवाई वाली बेंच ही मामले की सुनवाई कर सकती है. अयोध्या में रहने वाले विनीत कुमार मौर्य ने सुप्रीम कोर्ट में इस बारे में याचिका दायर की है. उन्होंने विवादित स्थल पर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग (ASI) द्वारा चार बार की जाने वाली खुदाई के आधार पर यह दावा किया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर ऐसी अंतिम खुदाई साल 2002-03 में हुई थी.
  • India | Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: सूर्यकांत पाठक |गुरुवार जून 7, 2018 07:31 PM IST
    बागपत के सनौली गांव में मिले शाही कब्रिस्तान और इसमें मिले अवशेष कई अहम संकेत देने वाले हैं. इस पुरातात्विक खुदाई से पांच हजार साल पहले इस स्थान पर विकसित सभ्यता की कई परतें खुलने की संभावना है. यहां मिले शव संकेत देते हैं कि तत्कालीन समाज में भी वर्ग विभाजन था और अलग-अलग सामाजिक हैसियत के लोग इसका हिस्सा थे.
  • Delhi-NCR | Reported by: रवीश रंजन शुक्ला |रविवार दिसम्बर 24, 2017 08:17 PM IST
    दिल्ली के पुराने किले में चल रही पुरातात्विक खुदाई के दौरान कई प्राचीन सभ्यताओं के अवशेष मिले हैं. जिससे इस बात को बल मिला है ये किला प्राचीनकाल में कभी पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ रही होगी.
  • India | Edited by: ख़बर न्यूज़ डेस्क |मंगलवार मई 16, 2017 04:09 PM IST
    अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी नासा और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो हरियाणा के फतेहाबाद में चल रहे पुरातात्विक खुदाई कार्य की मिलकर जांच करेंगे और पता लगाएंगे कि क्या वहां दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता का अस्तित्व था. फतेहाबाद के कुणाल गांव में चल रही खुदाई के दौरान पुरातत्ववेत्ताओं को हड़प्पा सभ्यता से प्राचीन शिल्प मिले हैं.
  • Zara Hatke | Reported by: इंडो-एशियन न्यूज़ सर्विस |सोमवार फ़रवरी 27, 2017 05:08 PM IST
    पुरातात्विक दृष्टिकोण से छत्तीसगढ़ बेहद अहम रहा है. यहां आमतौर पर हर जिले में हजारों साल पुराने इतिहास पुरातात्विक खुदाई में मिलते रहते हैं. राजिम में सिंधु घाटी की सभ्यता के समान ही लगभग साढ़े तीन हजार साल पहले की सभ्यता का पता लगा है. वहीं सिरपुर में भी ढाई हजार साल पहले के इतिहास सामने आए हैं. अभी हाल ही में कवर्धा जिले के बम्हनी गांव में युवाओं की टोली ने कमाल करते हुए पत्थरों और कचरों से पट चुकी सैकड़ों साल पुरानी बावली (कुंआ) को खुदाई कर निकालने में सफलता पाई है. ये बावली गांव के प्राचीन तालाब से लगी हुई है. ग्रामीणों का मानना है कि ये बावली करीब सवा सौ साल पुरानी होगी. 
और पढ़ें »
 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com