India | Written by: आनंद नायक |शनिवार नवम्बर 9, 2019 12:37 PM IST सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा को जमीन देने का इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला गलत था. गौरतलब है कि निर्मोही अखाड़े ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी लिखित दलील में कहा था कि विवादित भूमि का आंतरिक और बाहरी अहाता भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में मान्य है. हम रामलला के सेवायत हैं. यह हमारे अधिकार में सदियों से रहा है. ऐसे में हमें ही रामलला के मंदिर के पुनर्निर्माण, रखरखाव और सेवा का अधिकार मिलना चाहिए.