'निर्मोही अखाड़ा'

- 28 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Edited by: अंजलि कर्मकार |गुरुवार जनवरी 18, 2024 12:07 AM IST
    रामलला की मूर्ति को मंदिर परिसर भ्रमण कराने का प्लान था, लेकिन मूर्ति का वजन होने के कारण इसकी जगह रामलला की 10 किलो की चांदी की मूर्ति परिसर में घुमाई गई.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार दिसम्बर 11, 2019 05:55 PM IST
    राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ निर्मोही अखाड़े ने भी रिव्यू पिटीशन दाखिल कर दी है. अयोध्या मामले में निर्मोही अखाड़ा भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. अखाड़े ने फैसले के मुताबिक ट्रस्ट में उसका स्थान अब तक केंद्र सरकार द्वारा स्पष्ट न किए जाने का मुद्दा उठाया है.
  • India | Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: ऋतुराज त्रिपाठी |मंगलवार नवम्बर 12, 2019 12:15 AM IST
    अयोध्या में ट्रस्ट बनाने की कवायद शुरू हो गयी है. सरकार कानूनी सलाहकारों से राय-मश्विरे के बाद ट्रस्ट का प्रारूप तय करेगी. उधर निर्मोही अखाड़ा ने संकेत दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वो असंतुष्ट हैं और पुनर्विचार याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं. निर्मोही अखाड़ा हैरान है कि अयोध्या मामले में सबसे पुराना पक्षकार होने के बावजूद उसका दावा सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. अब वह फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने पर विचार कर रहा है. ये बात निर्मोही अखाड़ा के सरपंच राजा रामचंद आचार्य ने एनडीटीवी से कही.
  • India | Reported by: भाषा, Edited by: मानस मिश्रा |रविवार नवम्बर 10, 2019 08:45 AM IST
    सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अपने फैसले के दौरान कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय का 2010 का फैसला ‘कानूनी रूप से टिकाऊ’ नहीं था. अदालत ने विवादित 2.77 एकड़ जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लल्ला के बीच तीन हिस्सों में बांट दिया था. सामाजिक ताने-बाने को बर्बाद कर रही कानूनी लड़ाई पर पर्दा गिराते हुए शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि जमीन के बंटवारे से किसी का हित नहीं सधेगा और ना ही स्थायी शांति और स्थिरता आएगी.
  • India | Written by: मानस मिश्रा |शनिवार नवम्बर 9, 2019 02:58 PM IST
    अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन को रामलला को सौंपने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा की दलीलें खारिज दीं. वहीं मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन देने का आदेश सुनाया.  
  • India | Reported by: भाषा, Edited by: मानस मिश्रा |शनिवार नवम्बर 9, 2019 01:47 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति के फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया और केन्द्र को निर्देश दिया कि मस्जिद निर्माण के लिये सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ का भूखंड आबंटित किया जाए.  प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस व्यवस्था के साथ ही राजनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील 134 साल से भी अधिक पुराने इस विवाद का पटाक्षेप कर दिया.
  • India | Written by: आनंद नायक |शनिवार नवम्बर 9, 2019 12:37 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा को जमीन देने का इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला गलत था. गौरतलब है कि निर्मोही अखाड़े ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी लिखित दलील में कहा था कि विवादित भूमि का आंतरिक और बाहरी अहाता भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में मान्य है. हम रामलला के सेवायत हैं. यह हमारे अधिकार में सदियों से रहा है. ऐसे में हमें ही रामलला के मंदिर के पुनर्निर्माण, रखरखाव और सेवा का अधिकार मिलना चाहिए.
  • India | Written by: मानस मिश्रा |शनिवार नवम्बर 9, 2019 12:07 PM IST
    अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने एक पक्ष निर्मोही अखाड़े के जमीन पर मालिकाना हक के दावे को खारिज कर दिया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मंदिर के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े का प्रतिनिधि भी होना चाहिए. अखाड़े की ओर से दलील दी गई कि विवादित भूमि के अंदरुनी और बाहरी अहाता ही भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में मान्य है.
  • India | Written by: मानस मिश्रा |शनिवार नवम्बर 9, 2019 01:45 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट (SC) ने अयोध्या केस पर फैसला सुनाते हुए कहा है कि विवादित ढांचे की जमीन हिंदुओं को दी जाएगी और मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिए दूसरी जगह मिलेगी. कोर्ट ने शुरू में ही शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा की याचिकाएं खारिज कर दी हैं. इसके साथ ही कहा है कि मुसलमानों को मस्जिद के लिए दूसरी जगह दी जाएगी. यह फैसला सभी जजों की सहमति से हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि पुरात्व विभाग ने मंदिर (Ayodhya Case) होने के सबूत पेश किए हैं. सैकड़ों पन्नों का जजमेंट पढ़ते हुए पीठ ने कहा कि हिंदू अयोध्या (Ayodhya Verdict) को राम जन्मस्थल मानते हैं और रंजन गोगोई ने कहा कि कोर्ट के लिए थिओलॉजी में जाना उचित नहीं है. लेकिन पुरातत्व विभाग यह भी नहीं बता पाया कि मंदिर गिराकर मस्जिद बनाई गई थी.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: Samarjeet Singh |शनिवार अक्टूबर 19, 2019 03:18 PM IST
    बता दें कि इस पूरे विवाद के बीच रामलला विराजमान की ओर से भी लिखित जवाब दाखिल किया गया है. रामलला ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सारा क्षेत्र राम मंदिर के लिए उसे दिया जाए. साथ ही निर्मोही अखाड़ा या मुस्लिम पार्टियों को जमीन का कोई हिस्सा नहीं मिलना चाहिए. उधर, राम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति ने भी सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है. समिति ने कहा कि विवादित जमीन पर मंदिर ही बने.
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