India | Reported by: भाषा |सोमवार दिसम्बर 9, 2019 12:01 AM IST लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण की सीमा 10 वर्ष और बढ़ाई जाएगी, लेकिन विधायिका में एंग्लो-इंडियन समुदाय के व्यक्ति को मनोनीत करने की व्यवस्था अगले वर्ष जनवरी में समाप्त हो जाएगी. संसद के निचले सदन में सोमवार को पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध एक विधेयक में यह प्रस्ताव किए गए हैं. उल्लेखनीय है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में इन श्रेणियों के लिए आरक्षण 25 जनवरी 2020 को समाप्त होने वाला है. संविधान (126वां) संशोधन विधेयक के मुताबिक जब संविधान लागू हुआ था, तब लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति एवं अनूसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की अवधि 70 वर्ष निर्धारित की गई थी.