प्रकाशित: अगस्त 02, 2018 08:30 PM IST | अवधि: 16:46
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मोदी सरकार ने एससी एसटी कानून संशोधन करने का बड़ा फैसला कर दलित और आदिवासी वर्ग की नाराजगी को थामने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. इस संशोधन के लिए मौजूदा मॉनसून सत्र में ही बिल लाने की बात कह कर उसने विपक्ष के हाथ से एक बड़ा मुद्दा छीनने की कोशिश भी की है. इस मुद्दे पर सरकार के भीतर से ही उठी नाराज़ आवाजें अब खामोश हो गई हैं. बीजेपी के अपने दलित और आदिवासी सांसद इस मुद्दे पर पाटच् के कई अलग-अलग मंचों पर विरोध जता चुके थे. लोक जनशक्ति, आरएसएलपी और आरपीआई अठवले जैसे सहयोगी दल खुल कर इस मुद्दे पर बिल या अध्यादेश लाने की मांग कर चुके थे.