India | भाषा |बुधवार अक्टूबर 16, 2019 10:02 AM IST बुधवार को उच्चतम न्यायालय में दलील दी गयी कि करोड़ों श्रद्धालुओं की ‘अटूट आस्था’ ही यह साबित करने के लिये पर्याप्त है कि अयोध्या में समूचा विवादित स्थल ही भगवान राम का जन्म स्थान है. शीर्ष अदालत ने जोर देकर कहा कि अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि पर कब्जा होने संबंधी हिन्दू पक्षकारों का दावा साबित करने के लिये राजस्व रिकार्ड, अन्य दस्तावेज और मौखिक दस्तावेज ‘बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य’ होंगे. इस विवाद में एक पक्षकार ‘राम लला विराजमान’ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरन ने कहा कि राम जन्मभूमि अपने आप में ही हिन्दुओं के लिये मूर्ति का आदर्श और पूजा का स्थान हो गया है. उन्होंने पीठ से जानना चाहा कि इतनी सदियों के बाद इस स्थान पर ही भगवान राम का जन्म होने के बारे में सबूत कैसे पेश किया जा सकता है.