Blogs | अनुराग द्वारी |मंगलवार अगस्त 21, 2018 01:52 PM IST वो कवि थे, नेता थे, खाने के शौक़ीन थे... प्रेम भी बखूबी किया... ताउम्र किया. दिल्ली में बैठकर जो छवि अटलजी के लिये गढ़ी गई वो तो एक शब्द में 94 साल के उनके बचपने के दोस्त, पुराने नवाब इक़बाल अहमद तोड़ देते हैं. बशर्ते लुटियन की सीमा छोड़ आप शिंदे की छावनी आएं, गली के आख़िरी छोर पर बने उनके घर तक जाएं.