Blogs | Prashant Kumar Dubey |गुरुवार फ़रवरी 9, 2017 05:18 PM IST अव्वल तो सरकार ने पहले यह माना ही नहीं कि सिलिकोसिस नामक कोई रोग भी है. सरकारी नुमाइंदे मजदूरों को टीबी जानकर उनका इलाज करते रहे, जब स्थिति काबू के बाहर होने लगी तो उच्चतम न्यायालय को संज्ञान लेना पड़ा. इसके बाद भी प्रशासन ने न तो सिलिकोसिस की जांच में तत्परता दिखाई और न ही प्रमाणपत्र के बाद मिलने वाले मुआवजे को देने में.