ये कहानी दर्द की, ग़रीबी की और लगातार खोते अधिकारों की है. राजस्थान के अरावली पहाड़ और जंगल इसके गवाह रहे हैं. चूंकि लाल बलुआ पत्थर नर्म होता है इसलिए इनका खनन भी हाथ से किया जाता है. ये तथ्य अच्छी तरह से पता है कि हजारों खान मज़दूरों की सिलिकॉसिस बीमारी की वजह से मौत हो चुकी है और लगातार हो रही है. ऐसे अनगिनत गांव हैं जहां अकेली महिलाएं हैं क्योंकि उनके बेटे, पति और भाई सिलिकोसिस की भेंट चढ़ गए.