World | Reported by: एएफपी |शनिवार अप्रैल 23, 2022 10:25 AM IST तेतियाना ने कहा, " बमबारी की बजाय भूख से मरना अधिक भयावह लग रहा था," इस परिवार के पास एक जंग लगी और चरमराती तीन पहियों वाली ट्रॉली थी – जिससे उनका सफर थोड़ा आसान बना गया. "सबसे छोटी लड़की को साइकिल पर बैठाया गया और फिर इसे धक्का देकर सफर पूरा किया. यात्रा के पांच दिनों और चार रातों में, परिवार कई रूसी चौकियों से गुज़रा, रास्ते में मिले सैनिकों को बताया कि वे अपने रिश्तेदारों के पास जा रहे थे.