दिल्ली हाईकोर्ट ने तलाक के बाद पत्नी को मिलने वाली एलिमनी पर अपने फैसले से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है. एक फैमिली केस की सुनवाई करते हुए जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की बैंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर महिला ऊंची पोस्ट पर है और आर्थिक रूप से सक्षम है, तो वह तलाक के बाद गुजारा भत्ते की हकदार नहीं है. कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा कि महिला को ये साबित करना होगा कि वो आर्थिक रूप से कमजोर है. हाईकोर्ट के इस फैसले की खूब तारीफ हो रही है. जहां निया शर्मा ने इस फैसले की तारीफ की थी. वहीं हम उस एक्ट्रेस के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने पति को एलीमनी में एक फ्लैट दिया था.
हाथ से गया लाखों की प्रॉपर्टी
श्वेता तिवारी ने बताया था कि तलाक के बाद उन्हें एलिमनी नहीं मिली, बल्कि उनके पूर्व पति को एलिमनी मिली थी और तब जाकर उनका केस निपटा था. श्वेता की मानें तो इस केस में वह 93 लाख रुपये की प्रॉपर्टी गंवा चुकी हैं. एक्ट्रेस ने साल 1998 में राजा चौधरी से शादी रचाई थी और साल 2013 में अभिनव कोहली संग दूसरी शादी की थी. आज श्वेता बतौर सिंगल मदर अपने दोनों बच्चों को पाल रही हैं. पहली शादी से बेटी पलक तो दूसरी शादी से बेटा रेयांश हुआ था. आपसी कलह के चलते श्वेता ने राजा से तलाक ले लिया था और अभिनव से भी तलाक की यही वजह थी. अपने हालिया इंटरव्यू में श्वेता ने एलिमनी पर बात की थी. श्वेता ने बताया 5 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद उन्हें राजा चौधरी से तलाक मिला था और केस में उन्हें राजा चौधरी को 93 लाख रुपये का फ्लैट देना पड़ा था.
प्रॉपर्टी के लिए बेटी की कुर्बानी
इस केस में शॉकिंग मोड़ तब आया, जब राजा चौधरी ने कहा कि वह इस प्रॉपर्टी को बेटी पलक के नाम नहीं करेंगे. राजा ने कहा था कि वह प्रॉपर्टी के लिए अपनी बेटी की कुर्बानी देने को तैयार हैं. राजा ने कहा था, 'तुम मुझे फ्लैट दो, मैं तुम्हें तलाक दूंगा'. श्वेता ने यह भी खुलासा किया कि उनका परिवार राजा चौधरी संग शादी के खिलाफ था, क्योंकि यह एक इंटरकास्ट मैरिज थी. श्वेता ने बताया कि इस शादी के बाद उनकी मां ने उन्हें खूब ताने मारे थे और राजा ने उनपर 5-7 साल की कमाई हड़पने का भी आरोप लगाया था.
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