मॉब लिंचिंग की शिकार होने से बाल-बाल बची थीं महाभारत की 'द्रौपदी', बोलीं- लोग मुझे गाड़ी से उतार कर मार रहे थे...

पालघर मामले को लेकर महाभारत (Mahabharat) में 'द्रौपदी' (Draupadi) का किरदार निभाने वाली रूपा गांगुली (Roopa Ganguly) ने भी ट्वीट किया है. इसके साथ ही उन्होंने अपने जीवन से जुड़ा एक किस्सा भी साझा किया.

मॉब लिंचिंग की शिकार होने से बाल-बाल बची थीं महाभारत की 'द्रौपदी', बोलीं- लोग मुझे गाड़ी से उतार कर मार रहे थे...

रूपा गांगुली (Roopa Ganguly) हो चुकी हैं मॉब लिंचिंग का शिकार

खास बातें

  • रूपा गांगुली हो चुकी हैं मॉब लिंचिंग का शिकार
  • एक्ट्रेस ने ट्वीट कर दी जानकारी
  • रूपा गांगुली ने कहा कि लोग मुझे गाड़ी से निकालकर मार रहे थे...
नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के पालघर (Palghar) में दो साधुओं की चोरी के शक में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. पालघर मामले को लेकर महाभारत (Mahabharat) में 'द्रौपदी' (Draupadi) का किरदार निभाने वाली रूपा गांगुली (Roopa Ganguly) ने भी ट्वीट किया है. इसके साथ ही उन्होंने अपने जीवन से जुड़ा एक किस्सा भी साझा किया, जब वह भीड़ का शिकार हो गई थीं. रूपा गांगुली ने बताया कि करीब 17 से 18 लोगों ने उन्हें गाड़ी से उतारकर मारा था, इसके सात ही उनकी गाड़ी भी तोड़ दी थी. अपने ट्वीट के जरिए उन्होंने पालघर मामले पर अफसोस भी जताया. 

रूपा गांगुली (Roopa Ganguly) ने पालघर की घटना पर ट्वीट करते हुए लिखा, "मुझे कुछ दिनों से याद आ रहा है कि 22 मई, 2016 को डायमंड हार्बर की घटना हुई थी. जिसमें 18 से 18 लोग पुलिस को साथ लेकर, मुझे गाड़ी से उतारकर रास्ते पर पटक-पटकर मार रहे थे. गाड़ी भी तोड़-फोड़ दी थी. सिर पर दो चोट भी झेलनी पड़ी थी. बस मैं मरी नहीं थी, रैली ड्राइवर हूं, निकलकर आ गई." अपने ट्वीट के साथ-साथ रूपा गांगुली ने महाभारत में द्रौपदी चीर-हरण का वीडियो भी पोस्ट किया और लिखा, "हे कृष्ण, हे कृष्ण, हे कृष्ण." 

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बता दें कि पालघर (Palghar) घटना में अब तक 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. यह मामला गुरुवार का है, जहां रात 10 बजे के करीब खानवेल मार्ग पर नासिक की तरफ से आ रही गाड़ी में 3 लोग थे. गांव वालों ने रोका और फिर चोर होने की शक में पत्थरों से हमला कर दिया. तीनों की मौके पर ही मौत हो गई. मरनेवालों में से दो की पहचान साधुओं के रूप में हुई जबकि तीसरा उनका ड्राइवर था. तीनों मृतक मुंबई के कांदिवली से सूरत अपने एक मित्र के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने जा रहे थे. इसमें 35 साल के सुशीलगिरी महाराज और 70 साल के चिकणे महाराज कल्पवृक्षगिरी थे. जबकि 30 साल का निलेश तेलगड़े ड्राइवर था.