फिल्मी पर्दे को अलविदा बोल अब बन गए हैं बड़ी कंपनी के सीईओ, कुछ यूं जी रहे हैं रामायण के ‘लव’ मयूरेश क्षेत्रमाडे

दूरदर्शन पर हर रविवार को आने वाले रामायण का एक एक आर्टिस्ट उस दौर में दर्शकों के लिए भगवान के समान ही बन चुका था. फिर वो राम बने अरूण गोविल हों या सीता बनी दीपिका चिखलिया हों. हर कलाकार घर घर पूजा जाने लगा था.

फिल्मी पर्दे को अलविदा बोल अब बन गए हैं बड़ी कंपनी के सीईओ, कुछ यूं जी रहे हैं रामायण के ‘लव’ मयूरेश क्षेत्रमाडे

रामायण के लव का बदल गया है लुक

नई दिल्ली:

तीन दशक से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है, लेकिन दूरदर्शन पर प्रसारित हुई रामायण की यादें भुलाना आसान नहीं है. दूरदर्शन पर हर रविवार को आने वाले रामायण का एक एक आर्टिस्ट उस दौर में दर्शकों के लिए भगवान के समान ही बन चुका था. फिर वो राम बने अरूण गोविल हों या सीता बनी दीपिका चिखलिया हों. हर कलाकार घर घर पूजा जाने लगा था. राम और सीता के बचपन से शुरु हुई ये महागाथा लव और कुश के बचपन तक पहुंची थी. इसके बाद उत्तर रामायण का प्रसारण हुआ  जिसमें लव और कुश की आगे की कथा सुनाई गई.

क्या आप जानते हैं कि उस रामायण में लव के बचपन का रोल करने वाले कलाकार कौन हैं और अब क्या कर रहे हैं.

रामायण में लव और कुश बनने वाले दो कलाकार थे क्रमशः मयूरेश क्षेत्रमाडे और स्वप्निल जोशी. इन दोनों में से कुश बने कलाकार स्वप्निल जोशी छोटे पर्दे और मराठी इंड्स्ट्री का जाना माना नाम है. स्वप्निल जोशी इसके बाद एक शो में कृष्ण बने नजर आए. इसके अलावा कुछ और सीरियल्स में दिखे. वो ओटीटी पर भी सक्रिय है. लेकिन लव बने मयूरेश क्षेत्रमाडे बिलकुल अलग ही दुनिया का रुख कर चुके हैं. फिल्मी या टीवी के पर्दे के साथ उनका नाता ज्यादा लंबा नहीं रहा. इसके बदले वो दूसरी लाइन पकड़ कर आगे बढ़े और अब अपने काम में खासे कामयाब भी हैं.

यूएस में रहते हैं ‘लव'

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

एक्टिंग को अलविदा कह कर लव यानी कि मयूरेश क्षेत्रमाडे ने अपनी पढ़ाई पर कंसंट्रेट किया. जिसके बाद वो कई बड़ी कंपनियों के साथ जुड़े और वर्तमान में कमिश्न जंक्सन एफिलिएट के सीईओ हैं. अपने परिवार के साथ मयूरेश क्षेत्रमाडे यूएस में रहते हैं. वो यूएस के एक कामयाब बिजनेसमैन बताए जाते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं वो दो विदेशी लेखकों के साथ मिलकर स्पाइट एंड डेवलपमेंट नाम की किताब भी लिख चुके हैं. जो कार्पोरेट जगत पर लिखी गई काफी अहम किताब मानी जाती है.