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KBC17: दृष्टिबाधित IAS महिला कंटेस्टेंट ने अमिताभ बच्चन के लिए कही ये बात, सुनकर भावुक हुए बिग बी

केबीसी कंटेस्टेंट आयुषी की मां ने कहा, 'मेरी बेटी दृष्टिबाधित है और बीमारी से ग्रस्त है, जब वह बच्ची थी, तो उसे बस हल्की, धुंधली रोशनी ही दिखाई देती थी और समय के साथ वो और भी धुंधली हो गई.

KBC17: दृष्टिबाधित IAS महिला कंटेस्टेंट ने अमिताभ बच्चन के लिए कही ये बात, सुनकर भावुक हुए बिग बी
दृष्टिबाधित IAS महिला कंटेस्टेंट ने अमिताभ बच्चन को किया भावुक
नई दिल्ली:

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के पॉपुलर शो कौन बनेगा करोड़पति सीजन 17 के लेटेस्ट एपिसोड ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है. इस बार फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट राउंड जीतकर हॉट सीट पर एक दिव्यांग महिला कंटेस्टेंट आयुषी पहुंची थी. शो में उस वक्त सन्नाटा फैल गया, जब खुद अमिताभ बच्चन ने दृष्टिबाधित महिला कंटेस्टेंट को हॉट सीट पर बैठाया था. आयुषी ने इस मोमेंट को बहुत यादगार बताया. आयुषी ने हॉट सीट पर बैठकर शो से जुड़ी अपनी यादें होस्ट अमिताभ बच्चन और दर्शकों संग शेयर की और बिग बी समेत सभी उनकी बात सुनकर भावुक हो गए.

महिला कंटेस्टेंट की बात से इमोशनल हुए बिग बी
आयुषी ने कहा, 'जब से यह शो शुरू हुआ है, मेरी पूरी फैमिली इसे साथ में बैठकर देखती है और मुझे बताती रही कि सेट कैसा है और आप कैसे हर कंटेस्टेंट को बहुत सहज फील कराते हैं, इस वक्त मैं बहुत कंफर्टेबल महसूस कर रही हूं, यह शो मेरे दिल से जुड़ा है'. इसके बाद आयुषी ने अमिताभ बच्चन की तारीफ के पुल बांधे. उन्होंने कहा, 'लोग मुझे आपके बारे में बताते रहते हैं, कि आप कितने लंबे हैं और आपकी पर्सनैलिटी कितनी शानदार है और आप कितने हैंडसम दिखते हैं'. इस पर बिग बी ने कहा, 'यह हमारी और हमारे शो की खुशनसीबी है कि आप यहां आए'.

आयुषी की भावुक कर देने वाली कहानी
वहीं, खेल के दौरान आयुषी की मां ने अपनी बेटी के बारे में बताया. आयुषी की मां ने कहा, 'मेरी बेटी दृष्टिबाधित है और बीमारी से ग्रस्त है, जब वह बच्ची थी, तो उसे बस हल्की, धुंधली रोशनी ही दिखाई देती थी और समय के साथ वो और भी धुंधली हो गई, फिर भी, वह हमेशा से एक उत्साही और जिंदादिल बच्ची रही है, जो जिंदगी में कुछ हासिल करने के लिए दृढ़ थी'. बता दें, आयुषी एक आईएएस ऑफिसर हैं और सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया स्तर पर 48वीं रैंक हासिल की और अपने सपने को साकार किया.
 

आयुषी ने चयन से पहले उन्होंने एक दशक तक बतौर लेक्चरर काम किया था. आयुषी ने बताया कि उनकी मां ने उनके लिए अपनी नौकरी छोड़ दी थी. उन्होंने कहा, 'मेरी माँ ने मेरी मदद करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी, मैं ब्रेल लिपि में नोट्स बनाती थी और उन्होंने मेरी सभी किताबें रिकॉर्ड कीं, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि मैं सुन सकूं, पढ़ सकूं और अपने समय को मैनेज कर सकूं'.

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