मशहूर फिल्म निर्माता और निर्देशक करण जौहर, जो कि इमोशनल फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं, उनका यह मानना है कि किसी भी तस्वीर में फील होना जरूरी होता है. करण जौहर ने कहा है कि कैमरे के पीछे रहना वे इसलिए पसंद करते हैं, क्योंकि वे एक कहानीकार हैं. कोई गा सकता है, नाच सकता है, हंस सकता है और अपने अंदर से हर तरह की भावनाओं को बाहर ला सकता है. करण जौहर जो कि हाल ही में नेशनल ज्योग्राफिक की नई कैंपेन 'योर लेंस' से जुड़े हैं, वे कहते हैं कि किसी भी तस्वीर को जब आप देखते हैं तो कई तरह की भावनाएं आपके सामने आ जाती हैं. फील वह चीज है जो कि किसी भी तस्वीर या किसी भी शॉट में होना ही चाहिए.
करण के मुताबिक जैसे ही आप फोटो क्लिक करने की सोचते हैं, उसी वक्त आपके अंदर एक फीलिंग आ जाती है. इसी फीलिंग के आधार पर आप किसी की तस्वीर क्लिक करते हैं. साथ में कोई वातावरण भी आपको तस्वीर क्लिक करने के लिए प्रेरित कर सकता है और तब आपकी तस्वीर तक एक कहानी बयां करती है. करण जौहर, जो कि नेशनल ज्योग्राफिक की इस कैंपेन 'योर लेंस' से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि योर लेंस आपको एक बड़ा ही रोमांचक मौका दे रहा है कि आप अपनी क्रिएटिविटी को प्रदर्शित करें और नेशनल ज्योग्राफिक जैसे मंच पर जाकर आप अपनी प्रतिभा को दिखाएं.
गौरतलब है कि नेशनल ज्योग्राफिक करण जौहर के साथ मिलकर योर लेंस नामक कैंपेन लेकर आए हैं, जहां पर फोटोग्राफी के प्रति जुनून रखने वाले लोग अपनी तस्वीरों को प्रदर्शित कर सकेंगे. इसके लिए खास तौर पर एक वेबसाइट www.nationalgeographicyourlens.in भी तैयार हो चुकी है, जहां पर कि लोग अपनी तस्वीरों को शेयर कर पाएंगे. नेशनल ज्योग्राफिक चैनल पर तो चुनिंदा तस्वीरें दिखाई ही जाएंगी, साथ में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी इन तस्वीरों को शेयर किया जाएगा.
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