Vishwaroopam 2 में कमल हासन
नई दिल्ली:
'विश्वरूपम 2' (Vishwaroopam 2) 2013 में आई फिल्म 'विश्वरूपम' का सीक्वल है. जिसकी कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां पहली फ़िल्म की कहानी खत्म हुई थी. मिसाम नामले एक जासूस है जो कभी लंदन तो कभी इंडिया में जासूसी कर रहा है और आतंकवादियों के ख़िलाफ़ लड़ रहा है. इस फ़िल्म के लेखक, निर्देशक, निर्माता और अभिनेता ख़ुद कमल हासन ही हैं. यह एक स्पाई थ्रिलर फिल्म है जिसमें आज के दौर के हिसाब से कुछ संदेश है. 'विश्वरूपम 2' के कुछ हिस्सों में अच्छे संवाद और कुछ अच्छे दृश्य हैं. मिसाम का एक दृश्य मां के साथ है; जिसकी भूमिका वहीदा रहमान ने निभाई है, जो दिल को छूता है और कमल हासन के एक्सप्रेशन देखते बनते हैं.
कमल हासन ने 3 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में ली थी एंट्री, राजनिति के खातिर लिए ये कड़े फैसले
अमेरिका द्वारा आतंकवादियों पर हमले के दृश्यों को बेहतरीन तरीके से फिल्माया गया है. पूजा कुमार और एंड्रिया जेर्मिया द्वारा निभाई गई निरुपमा और अश्मिता की भूमिका थोड़ी मनोरंजक है.
क्या थी खामियां-
अब बात फ़िल्म की कमियों की तो फ़िल्म की सबसे बड़ी कमजोरी है इसकी पटकथा जो काफी हद तक भटकी हुई है. ज़रूरत से ज़्यादा लंबी है और फ़िल्म देख कर लगता है बहुत सारे दृश्य बेमानी हैं. इस फ़िल्म की एक और कमजोरी है इसका नरेशन. कई बार फ़्लैश बैक दर्शकों को परेशान कर सकता है कि कहानी कहां पहुंच गई, खास तौर से जिन्होंने पहला भाग नहीं देखा है. इस फ़िल्म का संगीत भी साधारण है.
देखें ट्रेलर-
Dus Ka Dum के सेट पर पहुंचे कमल हासन, सलमान खान के बारे में कही यह बड़ी बात...
कमल हासन एक लीजेंड हैं और उन्होंने रुपहले पर्दे पर एक से बढ़कर एक प्रयोग किये हैं और एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं, मगर उनकी ये फ़िल्म कहानी और पटकथा के तौर पर साधारण लगती है. अगर आप कमल हासन के फैन हैं तो इसे एक बार देख सकते हैं क्योंकि पर्दे पर उनकी प्रेजेंस ज़बरदस्त लगती है. इस फ़िल्म के लिए मेरी रेटिंग 2 स्टार्स है.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
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क्या थी खामियां-
अब बात फ़िल्म की कमियों की तो फ़िल्म की सबसे बड़ी कमजोरी है इसकी पटकथा जो काफी हद तक भटकी हुई है. ज़रूरत से ज़्यादा लंबी है और फ़िल्म देख कर लगता है बहुत सारे दृश्य बेमानी हैं. इस फ़िल्म की एक और कमजोरी है इसका नरेशन. कई बार फ़्लैश बैक दर्शकों को परेशान कर सकता है कि कहानी कहां पहुंच गई, खास तौर से जिन्होंने पहला भाग नहीं देखा है. इस फ़िल्म का संगीत भी साधारण है.
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