'777 गवाह हों तो भी क्या...?' : मध्यप्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए SC ने ऐसा क्यों कहा?

आरोपी को जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए जस्टिस जेबी पारदीवाला ने सरकार से पूछा कि आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? ⁠जबकि ट्रायल भी अभी लंबित है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

सुप्रीम कोर्ट ने चिट फंड गबन के एक आरोपी को आठ साल से हिरासत में रखे जाने पर मध्यप्रदेश सरकार को फटकार लगाई है. आरोपी को जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए जस्टिस जेबी पारदीवाला ने सरकार से पूछा कि आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? ⁠जबकि ट्रायल भी अभी लंबित है.

आरोपी को याचिका पर मध्य प्रदेश सरकार के वकील ने दलील दी. कुल 77 गवाहों में से 30 को गवाही हुई है. जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि 77 क्या 777 गवाह हों तो भी क्या, ⁠क्या फर्क पड़ता है? ⁠8  साल में आपने सिर्फ 20 गवाहों के बयान लिए? जबकि चार्जशीट चार साल पहले दाखिल हो गई थी.

वकील ने फिर कहा कि इसके खिलाफ 11 अपराध थे. ⁠यानी इसका आपराधिक रिकॉर्ड है. अदालत ने कहा कि अगर आप एक आदमी के खिलाफ एक ही तरह के जुर्म में कई एफआईआर दर्ज करते हैं तो इसका मतलब अपराधिक रिकॉर्ड कैसे हो गया? हम आरोपी को जमानत देते हैं. हालांकि, इस फैसले के बाद भी आरोपी बलजीत शर्मा जेल से बाहर नहीं आएगा क्योंकि वो एक अन्य केस में भी जेल में है.

Featured Video Of The Day
PM Modi में वैश्विक शांतिदूत बनने के सभी गुण: Former Norwegian minister Erik Solheim
Topics mentioned in this article