World Toilet Day 2020: हर साल 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day) मनाया जाता है. वर्ष 2001 में इस दिवस को मनाने की शुरुआत विश्व शौचालय संगठन द्वारा की गई थी. वर्ष 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इसे अधिकारिक तौर पर विश्व शौचालय दिवस घोषित कर दिया गया था. यह दिन लोगों को विश्व स्तर पर स्वच्छता के संकट से निपटने के लिए प्रेरित करता है.
विश्व शौचालय दिवस 2020: थीम
इस बार इसकी थीम है ‘सस्टेनेबल सैनिटेशन एंड क्लाइमेट चेंज' है और साल 2019 में "लीविंग नो वन बिहाइंड" थी.
शौचालय का इस्तेमाल से हमारा जीवन सुरक्षित रहता है. शौचालय का इस्तेमाल करने से हम विभिन्न बीमारियों के प्रसार को रोकने में मदद करते हैं. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य विश्व में सभी लोगों को 2030 तक शौचालय की सुविधा उपलब्ध करवाना है. यह संयुक्त राष्ट्र के छह सतत विकास लक्ष्यों का हिस्सा है. सबको शुद्ध पेयजल और स्वच्छता की सुविधा उलब्ध कराने का लक्ष्य भी संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों में रखा गया ह.
विश्व शौचालय संगठन एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संस्था है. यह संगठन दुनिया भर में स्वच्छता और शौचालय की स्थिति में सुधार के लिए काम करता है. इस संगठन के सभी सदस्य शौचालय की समस्या को खत्म करने और दुनिया भर में स्वच्छता के समाधान के लिए काम करते हैं. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार 4.2 अरब आबादी को आज भी ठीक से शौचायल उपलब्ध नहीं है और वह गंदगी में रहने को मजबूर है. 67.3 करोड़ आबादी खुले में शौच करने को मजबूर है.
स्वच्छता और शौचालय के संबंध में कुछ प्रमुख तथ्य
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार,
- आधे से अधिक वैश्विक आबादी, लगभग 4.2 मिलियन लोग सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता के बिना रहते हैं.
- क्या आप जानते हैं कि पूरी दुनिया में अभी भी लगभग 673 मिलियन लोग खुले में शौच करते हैं.
- लगभग 3 मिलियन लोगों के पास बुनियादी हाथ धोने की सुविधा का अभाव है.
- स्वच्छता संकट अनुपचारित है, मानव अपशिष्ट जल आपूर्ति और अरबों लोगों के लिए खाद्य श्रृंखला में बीमारियां फैला रहा है.
- हर साल लगभग 432,000 डायरिया से होने वाली मौतें अपर्याप्त स्वच्छता के कारण होती हैं और यह आंतों के कीड़े, ट्रेकोमा और सिस्टोसोमियासिस सहित विभिन्न बीमारियों का एक प्रमुख कारण है.
- असुरक्षित पेयजल, स्वच्छता और हाथ की स्वच्छता के कारण हर साल लगभग 297,000 बच्चे डायरिया से मर जाते हैं.
- पानी और स्वच्छता संबंधी बीमारियों की उत्पादकता में कमी से जीडीपी के 5% तक विभिन्न देशों में खर्च होता है.
इसलिए, विश्व शौचालय दिवस स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाता है और विश्व स्तर पर अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ शौचालय तक पहुंच बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है. स्वच्छता एक मानव अधिकार है और गरीबी से बाहर आने के लिए स्वच्छता पर ध्यान देना आवश्यक है.
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