सबसे ज्यादा आत्महत्या के मामले भारत में ही सामने आए हैं
नई दिल्ली:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत दुनिया के सबसे अवसादग्रस्त देशों मे से एक है. ऐसा भी माना जाता है कि दुनिया में सबसे ज्यादा आत्महत्या के मामले भी भारत में ही सामने आए हैं. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत में डिप्रेशन के मामले कितनी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. एक तरफ जहां लोग अपनी मानसिक बीमारी से जुड़ी बातों को छिपाते हैं, वहीं दूसरी तरफ कई ऐसी फिल्मी हस्तियां हैं जिन्होंने खुलकर अपनी जिंदगी के इस बुरे दौर को लोगों के सामने रखा और डिप्रेशन से उबरने के अपने सफर और कोशिशों पर बात की.
दीपिका पादुकोण
अपने प्रोफेशन में सफलता के झंडे गाड़ने के बावजूद एक वक्त ऐसा भी था जब दीपिका पादुकोण अधूरा और डरा हुआ महसूस करती थीं. उनके अनुसार दो साल पहले डिप्रेशन ने उन्हें इस कदर जकड़ लिया था कि उन्हें लगने लगा था कि अब सबकुछ खत्म होने जा रहा है. इन सबके बावजूद, परिवार के साथ और मेडिकल ट्रीटमेंट के बदलौत उन्होंने अपने काम पर असर नहीं पड़ने दिया. एक स्टार होने के नाते, उन्होंने अपनी इस बीमारी के बारे में बात की ताकि इस दौर से गुजर रहे अन्य लेागगों की मदद हो सके और इस बीमारी को लेकर लोगों की सोच बदल सके. इस मकसद से उनहोंने ‘लिव,लव, लाइफ फाउंडेशन’ की शुरूआत की जिसके जरिए डिप्रेशन से गुजर रहे लोगों को मदद हो सके और इस बीमारी के प्रति लोग जागरूक हो सकें.
करण जौहर
बॉलीवुड के सबसे पसंदीदा फिल्ममेकर, करण जौहर भी डिप्रेशन से बच नहीं पाए. अभी हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि किस तरह वह 2 साल तक डिप्रेशन से जूझते रहे और इस दौरान उनके साथ क्या हुआ. उन्होंने कहा, मुझे लगता था कि मुझे कार्डियाक कार्डियक अरेस्ट हो जाएगा है. लेकिन मुझे एंग्जाइटी अटैक हुआ था. इसके बावजूद, वह कभी भी कैमरे से दूर नहीं रहे. करण ने मानसिक बीमारी और चिंता के साथ आने वाले मुद्दों के बारे में बहादुरी से बात की.
अनुष्का शर्मा
बॉलीवुड की एक और एक्ट्रेस, जो डिप्रेशन से गुजर चुकी हैं उनका नाम है अनुष्का शर्मा. एक दिन अचानक अनुष्का ने ट्वीट किया, ‘मुझे एंग्जायटी है और इसका इलाज चल रहा है. लेकिन मैं ऐसा क्यों कह रही हूं? क्योंकि ये एक आम बात है.’ उन्होंने कहा कि एंग्जायटी कोई बुरा शब्द नहीं है और यह सिर्फ एक जैविक समस्या है, जिसका इलाज संभव है. उन्होंने ये साबित कर दिया कि इस विषय पर बोलने से हिचकाना नहीं चाहिए.
शाहरुख खान
इंटरव्यू और ट्वीट जैसे दिलचस्प तरीकों से भी दो कदम आगे निकलकर बॉलीवुड के किंग खान, शाहरुख ने डिप्रेशन से जुडी समस्याओं को लोगों के बीच रखा. 2016 में शाहरुख ने ‘डियर जिंदगी’ फिल्म में जीवन का फलसफा बताने वाले कोच की भूमिका निभाई. एक फिल्म के माध्यम से उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से अपने प्रशंसकों को अवसाद की कठिनाइयों से निपटने का एक आसान तरीका बताया. शाहरूख 2008 में कंधे की चोट के कारण डिप्रेशन का शिकार हुए थे लेकिन 2010 तक उन्होंने इस बारे में किसी से कुछ नहीं कहा. हालांकि इसके बाद वह हमेशा इस बारे में खुलकर बोलते नजर आए.
मनीषा कोइराला
मनीषा कोइराला ले साथ मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक तौर पर जिंदगी से जंग बदलते हुए भी हौसला पस्त नहीं होने दिया और बहादुरी से इन सब से बहार निकल आईं. कैंसर और तनाव का सामना मनीषा ने एक साथ किया. इतना ही नहीं इसी दौरान वह अपने साथी के साथ तलाक की प्रक्रिया से भी गुजर रही थीं. लेकिन इन सबके बावजूद वह इन परेशानियों को डटकर सामना किया और एक मजबूत हस्ती के रूप में उभरकर सामने आईं. अपने अनुभव को साझा करने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया. बेशक मनीषा एक रियल फाइटर हैं.
दीपिका पादुकोण
अपने प्रोफेशन में सफलता के झंडे गाड़ने के बावजूद एक वक्त ऐसा भी था जब दीपिका पादुकोण अधूरा और डरा हुआ महसूस करती थीं. उनके अनुसार दो साल पहले डिप्रेशन ने उन्हें इस कदर जकड़ लिया था कि उन्हें लगने लगा था कि अब सबकुछ खत्म होने जा रहा है. इन सबके बावजूद, परिवार के साथ और मेडिकल ट्रीटमेंट के बदलौत उन्होंने अपने काम पर असर नहीं पड़ने दिया. एक स्टार होने के नाते, उन्होंने अपनी इस बीमारी के बारे में बात की ताकि इस दौर से गुजर रहे अन्य लेागगों की मदद हो सके और इस बीमारी को लेकर लोगों की सोच बदल सके. इस मकसद से उनहोंने ‘लिव,लव, लाइफ फाउंडेशन’ की शुरूआत की जिसके जरिए डिप्रेशन से गुजर रहे लोगों को मदद हो सके और इस बीमारी के प्रति लोग जागरूक हो सकें.
करण जौहर
बॉलीवुड के सबसे पसंदीदा फिल्ममेकर, करण जौहर भी डिप्रेशन से बच नहीं पाए. अभी हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि किस तरह वह 2 साल तक डिप्रेशन से जूझते रहे और इस दौरान उनके साथ क्या हुआ. उन्होंने कहा, मुझे लगता था कि मुझे कार्डियाक कार्डियक अरेस्ट हो जाएगा है. लेकिन मुझे एंग्जाइटी अटैक हुआ था. इसके बावजूद, वह कभी भी कैमरे से दूर नहीं रहे. करण ने मानसिक बीमारी और चिंता के साथ आने वाले मुद्दों के बारे में बहादुरी से बात की.
अनुष्का शर्मा
बॉलीवुड की एक और एक्ट्रेस, जो डिप्रेशन से गुजर चुकी हैं उनका नाम है अनुष्का शर्मा. एक दिन अचानक अनुष्का ने ट्वीट किया, ‘मुझे एंग्जायटी है और इसका इलाज चल रहा है. लेकिन मैं ऐसा क्यों कह रही हूं? क्योंकि ये एक आम बात है.’ उन्होंने कहा कि एंग्जायटी कोई बुरा शब्द नहीं है और यह सिर्फ एक जैविक समस्या है, जिसका इलाज संभव है. उन्होंने ये साबित कर दिया कि इस विषय पर बोलने से हिचकाना नहीं चाहिए.
शाहरुख खान
इंटरव्यू और ट्वीट जैसे दिलचस्प तरीकों से भी दो कदम आगे निकलकर बॉलीवुड के किंग खान, शाहरुख ने डिप्रेशन से जुडी समस्याओं को लोगों के बीच रखा. 2016 में शाहरुख ने ‘डियर जिंदगी’ फिल्म में जीवन का फलसफा बताने वाले कोच की भूमिका निभाई. एक फिल्म के माध्यम से उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से अपने प्रशंसकों को अवसाद की कठिनाइयों से निपटने का एक आसान तरीका बताया. शाहरूख 2008 में कंधे की चोट के कारण डिप्रेशन का शिकार हुए थे लेकिन 2010 तक उन्होंने इस बारे में किसी से कुछ नहीं कहा. हालांकि इसके बाद वह हमेशा इस बारे में खुलकर बोलते नजर आए.
मनीषा कोइराला
मनीषा कोइराला ले साथ मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक तौर पर जिंदगी से जंग बदलते हुए भी हौसला पस्त नहीं होने दिया और बहादुरी से इन सब से बहार निकल आईं. कैंसर और तनाव का सामना मनीषा ने एक साथ किया. इतना ही नहीं इसी दौरान वह अपने साथी के साथ तलाक की प्रक्रिया से भी गुजर रही थीं. लेकिन इन सबके बावजूद वह इन परेशानियों को डटकर सामना किया और एक मजबूत हस्ती के रूप में उभरकर सामने आईं. अपने अनुभव को साझा करने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया. बेशक मनीषा एक रियल फाइटर हैं.
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