प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
अमेरिका में प्रेग्नेंसी का एक ऐसा रेयर माला सामना है, जिसने सबको हैरान कर दिया है. दरअसल, कैलिफोर्निया में रहने वाली एक महिला प्रेग्नेंट थी. प्रेग्नेंसी के दौरान वो फिर से प्रेग्नेंट हो गई. शुरुआत में महिला समेत सभी डॉक्टरों का मानना था कि बच्चे जुड़वा हैं, लेकिन जन्म के कुछ दिनों बाद इस बात का खुलासा हुआ कि दोनों बच्चों के पिता अलग-अलग हैं. यही नहीं महिला को अपने बच्चे की कस्टडी के लिए लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ी. हो गए न कंफ्यूज? दरअसल, पूरा मामला बेहद पेचीदा है, जिसे विस्तार से समझने की जरूरत है.
73 लाख रुपये खर्च कर सरोगेसी से पैदा होगा किम कर्दशियां का बच्चा
जेसिका एलन नाम की महिला एक चीनी कपल के खातिर सरोगेट मदर बनने के लिए तैयार हो गई. अप्रैल 2016 में डॉक्टरों ने IVF के जरिए भ्रूण विकसित किया और फिर उसे एलन के यूट्रेस यानी कि गर्भाशय में इंप्लांट कर दिया. इस
तरह एलन प्रेग्नेंट हो गई लेकिन प्रेग्नेंसी के छठे हफ्ते में उसे डॉक्टरों ने बताा कि उसकी कोख में जुड़वा बच्चे पल रहे हैं. बच्चों के जन्म के एक महीने बाद एलन को पता चला कि दोनों बच्चे दिखने में एक जैसे नहीं हैं. और फिर डीएनड टेस्ट में भी इस बात की पुष्टि हो गई कि एक एलन का बायलॉजिकल बच्चा है, जबकि दूसरा चीनी कपल का है.
मेडिकल साइंस में इसे 'सुपरफिटेशन' कहा जाता है. महिला अगर प्रेग्नेंट रहते हुए फिर से प्रेग्नेंट हो जाए तो इसे सुपरफिटेशन कहा जाता है. यह काफी रेयर है. एलेन के केस में शामिल रहीं निकलॉस चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के फीटल केयर सेंटर की मेडिकल डायरेक्टर सायमा आफताब का कहना है कि ऐसा न के बराबर होता है. मेडिकल साइंस के इतिहास में अब तक सुपरफिटेशन के बहुत ही कम मामले सामने आए हैं. दरअसल, शरीर में ऐसी कई चीजें होती हैं जो प्रग्नेंट महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान फिर से प्रेग्नेंट होने से रोकती हैं. शरीर में ऐसे हार्मोन बनते हैं, जिससे ओवरीज़ अंडा रिलीज नहीं कर पातीं.
कुंवारे लोगों को सरोगेसी के लाभ से कैसे वंचित करता है नियम?
वहीं एलन का कहना है कि उनके पहले से ही दो बच्चे थे. वह काम पर जाने के बजाए घर पर ही रहकर अपने दोनों बच्चों की देखभाल करना चाहती थीं. ऐसे में उनके पास सरोगेट मदर का प्रस्ताव आया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. उनका कहना है कि जब चीनी कपल का बच्चा उनके पेट में था उस दौरान उन्होंने अपने साथी वार्डेल जैस्पर के साथ संबंध बनाए. फिर वह रूटीन चेकअप के लिए डॉक्टर के पास गईं तो उन्हें पता चला कि वो जुड़वा बच्चों की मां बनने वाली हैं. इस बात को सुनकर वह पहले तो डर गईं फिर चीनी कपल यह जानकर बेहद खुश हुआ कि उनके घर एक नहीं बल्कि दो-दो बच्चे आने वाले हैं. यही नहीं चीनी कपल ने एलन की फीस भी बढ़ा दी.
जन्म के तुरंत बाद चीनी कपल बच्चों को अपने साथ ले गए. एलन बच्चों को देख तक नहीं पाई. बाद में उन्होंने जब फोटो देखी तो उन्हें संदेह हुआ क्योंकि दोनों बच्चों की शक्ल एक दूसरे से जरा भी नहीं मिलती थी. लेकिन एलन चुप रहीं. फिर कुछ दिनों बाद एलन को चीनी महिला का मैसेज आया कि दोनों बच्चों एक जैसे नहीं दिखते हैं. फिर बच्चों का डीएनए टेस्ट किया गया जिसमें यह पता चला कि एक बच्चा एलन और जैस्पर का है. डीएनए टेस्ट के बाद चीनी कपल एलन के बच्चे को अपनाना नहीं चाहता था और हर्जाने के रूप में पैसे मांगने लगा. इतना सब कुछ काफी नहीं था कि बच्चे को किसी दूसरे को गोद देने की तैयारी होने लगी. चीनी कपल ऐसा कर सकता था क्योंकि वो ही बच्चे के कानूनी माता-पिता थे.
आखिरकार कानूनी लड़ाई के बाद एलन को उनका बच्चा मिल गया. अब एलन पति और तीन बच्चों के साथ खुशी-खुशी रह रही हैं. उनका कहना है, 'मैं सरोगेट मदर बनने के अपने फैसले को कोस नहीं सकती क्योंकि इसका मतलब होगा कि मैं अपने बच्चे को लेकर पछता रही हूं. मुझे उम्मीद है कि जो महिलाएं सरोगेट मदद बनना चाहती हैं उन्हें मेरी कहानी से सीख जरूर मिलेगी. हालांकि मैं अब कभी सरोगेट मदर नहीं बनूंगी.'
बहरहाल, एलन का मामला डॉक्टरों और सरोगेसी एजेंसियों के लिए एक सबक है. सरोगेसी में सुपरफिटेशन से बचा जा सके इसके लिए सही कदम उठाने की जरूरत है ताकि मां के अलावा नवजात बच्चे और सभी पार्टियों को इस तरह की परेशानी से बचाया जा सके.
VIDEO: किराए की कोख और अधिकार
73 लाख रुपये खर्च कर सरोगेसी से पैदा होगा किम कर्दशियां का बच्चा
जेसिका एलन नाम की महिला एक चीनी कपल के खातिर सरोगेट मदर बनने के लिए तैयार हो गई. अप्रैल 2016 में डॉक्टरों ने IVF के जरिए भ्रूण विकसित किया और फिर उसे एलन के यूट्रेस यानी कि गर्भाशय में इंप्लांट कर दिया. इस
तरह एलन प्रेग्नेंट हो गई लेकिन प्रेग्नेंसी के छठे हफ्ते में उसे डॉक्टरों ने बताा कि उसकी कोख में जुड़वा बच्चे पल रहे हैं. बच्चों के जन्म के एक महीने बाद एलन को पता चला कि दोनों बच्चे दिखने में एक जैसे नहीं हैं. और फिर डीएनड टेस्ट में भी इस बात की पुष्टि हो गई कि एक एलन का बायलॉजिकल बच्चा है, जबकि दूसरा चीनी कपल का है.
मेडिकल साइंस में इसे 'सुपरफिटेशन' कहा जाता है. महिला अगर प्रेग्नेंट रहते हुए फिर से प्रेग्नेंट हो जाए तो इसे सुपरफिटेशन कहा जाता है. यह काफी रेयर है. एलेन के केस में शामिल रहीं निकलॉस चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के फीटल केयर सेंटर की मेडिकल डायरेक्टर सायमा आफताब का कहना है कि ऐसा न के बराबर होता है. मेडिकल साइंस के इतिहास में अब तक सुपरफिटेशन के बहुत ही कम मामले सामने आए हैं. दरअसल, शरीर में ऐसी कई चीजें होती हैं जो प्रग्नेंट महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान फिर से प्रेग्नेंट होने से रोकती हैं. शरीर में ऐसे हार्मोन बनते हैं, जिससे ओवरीज़ अंडा रिलीज नहीं कर पातीं.
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वहीं एलन का कहना है कि उनके पहले से ही दो बच्चे थे. वह काम पर जाने के बजाए घर पर ही रहकर अपने दोनों बच्चों की देखभाल करना चाहती थीं. ऐसे में उनके पास सरोगेट मदर का प्रस्ताव आया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. उनका कहना है कि जब चीनी कपल का बच्चा उनके पेट में था उस दौरान उन्होंने अपने साथी वार्डेल जैस्पर के साथ संबंध बनाए. फिर वह रूटीन चेकअप के लिए डॉक्टर के पास गईं तो उन्हें पता चला कि वो जुड़वा बच्चों की मां बनने वाली हैं. इस बात को सुनकर वह पहले तो डर गईं फिर चीनी कपल यह जानकर बेहद खुश हुआ कि उनके घर एक नहीं बल्कि दो-दो बच्चे आने वाले हैं. यही नहीं चीनी कपल ने एलन की फीस भी बढ़ा दी.
जन्म के तुरंत बाद चीनी कपल बच्चों को अपने साथ ले गए. एलन बच्चों को देख तक नहीं पाई. बाद में उन्होंने जब फोटो देखी तो उन्हें संदेह हुआ क्योंकि दोनों बच्चों की शक्ल एक दूसरे से जरा भी नहीं मिलती थी. लेकिन एलन चुप रहीं. फिर कुछ दिनों बाद एलन को चीनी महिला का मैसेज आया कि दोनों बच्चों एक जैसे नहीं दिखते हैं. फिर बच्चों का डीएनए टेस्ट किया गया जिसमें यह पता चला कि एक बच्चा एलन और जैस्पर का है. डीएनए टेस्ट के बाद चीनी कपल एलन के बच्चे को अपनाना नहीं चाहता था और हर्जाने के रूप में पैसे मांगने लगा. इतना सब कुछ काफी नहीं था कि बच्चे को किसी दूसरे को गोद देने की तैयारी होने लगी. चीनी कपल ऐसा कर सकता था क्योंकि वो ही बच्चे के कानूनी माता-पिता थे.
आखिरकार कानूनी लड़ाई के बाद एलन को उनका बच्चा मिल गया. अब एलन पति और तीन बच्चों के साथ खुशी-खुशी रह रही हैं. उनका कहना है, 'मैं सरोगेट मदर बनने के अपने फैसले को कोस नहीं सकती क्योंकि इसका मतलब होगा कि मैं अपने बच्चे को लेकर पछता रही हूं. मुझे उम्मीद है कि जो महिलाएं सरोगेट मदद बनना चाहती हैं उन्हें मेरी कहानी से सीख जरूर मिलेगी. हालांकि मैं अब कभी सरोगेट मदर नहीं बनूंगी.'
बहरहाल, एलन का मामला डॉक्टरों और सरोगेसी एजेंसियों के लिए एक सबक है. सरोगेसी में सुपरफिटेशन से बचा जा सके इसके लिए सही कदम उठाने की जरूरत है ताकि मां के अलावा नवजात बच्चे और सभी पार्टियों को इस तरह की परेशानी से बचाया जा सके.
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