नई दिल्ली: महर्षि वाल्मीकि का नाम आते ही वह कहानी याद आती है जिसमें बताया जाता है कि कैसे एक आदमी डाकू से महर्षि बन गए. महर्षि बनने के बाद उन्होंने संस्कृत में रामायण की रचना की थी. जिसे पूरी दुनिया में माना जाता है. 5 अक्टूबर को वाल्मीकि जयंति के तौर पर पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाया जाता है. इस दिन महर्षि वाल्मीकि के मंदिरों में उनके भक्त आकर पूजा अर्चना करते हैं. कई जगहों पर इस दिन भगवान राम की और महर्षि वाल्मीकि की झांकियां भी देखने को मिलती हैं. महर्षि वाल्मीकी का पूरा जीवन हमें बुराई से निकलकर अच्छाई की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित करता है.
वाल्मीकि का नाम महर्षि बनने से पहले रत्नाकर था. वह लोगों को लूटने का काम किया करते थे. एक बार जब उन्होंने नारद मुनि को लूटने का प्रयास किया तो नारद ने उनसे पूछा कि वह ऐसा क्यों कर रहे हैं. इस पर रत्नाकर बोले मैं अपने परिवार का पेट पालने के लिए यह सब करता हूं. फिर नारद मुनि ने उन्हें बताया कि कैसे वह अपने किए गए इन पापों का भागीदार अपने परिवार के सभी सदस्यों को भी बना रहे हैं. जो चोरी करके वह लाते हैं उसे परिवार को खिलाते हैं, तो इसके भागीदार वे भी बन जाते हैं. नारद ने उन्हें कहा, तुमने जितने भी पाप किए हैं उनका फल तुम्हें इसी जन्म में मिल जाएगा. नारद के इस उपदेश के बाद रत्नाकर का जीवन बदल गया और उन्हें दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई. इसके बाद उन्होंने कड़ी तपस्या की. बताया जाता है कि जब उनकी तपस्या खत्म हुई तो उनका शरीर दीमक और चींटियों के टीले से ढ़का हुआ था. भगवान राम के नाम का जप करके उन्होंने सिद्धि प्राप्त कर ली. इसके बाद उन्हें महर्षि वाल्मीकि के नाम से लोग जानने लगे.
सोशल मीडिया पर त्योहारों के मैसेज
महर्षि वाल्मीकि की जयंति को हमारे देश में एक त्योहार की तरह मनाया जाता है. इस दिन लोग पूचा करने के अलावा अपने परिचितों और दोस्तों को वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं भी देते हैं. पहले जहां मिलकर सभी को किसी भी त्योहार की बधाई दी जाती थी, वहीं आज सोशल मीडिया के आने से लोग फेसबुक और व्हॉट्सऐप के जरिए अपने दोस्तों और परिचितों को त्योहारों की शुभकामनाएं भेजते हैं. वाल्मीकि जयंति के दिन भी लोग ऐसा करते हैं. हम आपको बता रहे हैं कि इस दिन पर आप सोशल मीडिया पर किन मैसेज और पंक्तियों के जरिए वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं भेज सकते हैं.
रामायण के हैं जो रचियता, संस्कृत के हैं जो कवि महान
ऐसे हमारे पूज्य गुरुवर, उनके चरणों में हमारा प्रणाम...वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं.
बुराई से अच्छाई की ओर लेकर जाने वाली महान महर्षि की कहानी...वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं.
लिख दी जिसने कथा पवित्र सीता राम की, साथ ही बताई भक्ति राम भक्त हनुमान की
प्रेम भाई भरत और लक्ष्मण का अनूठा, कैसे मां कौशल्या दशरथ से भाग्य रूठा...वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं.
राम सीता हैं मेरे पूज्य प्रभु, इनके चरणों में मैं करूं नमस्कार
जब भी हो नया सुनहरा सवेरा, राम नाम जपूं मैं बार-बार...वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं.
महर्षि वाल्मीकि ने लिखी कथा श्रीराम की
हमको बताईं महर्षि ने बातें महापुराण रामायण की...वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं.
सुख दुख हैं जीवन के मेहमान, आते हमारे पास बिन बुलाए
अहंकार का करो नाश तुम, यह जीवन का दुश्मन कहलाए...वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं.
मिले आशीर्वाद ऋषि वाल्मीकी से, विद्या मिले आपको देवी सरस्वती से
मिले धन मां लक्ष्मी से, सब सुख मिले श्रीराम से...वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं.
वाल्मीकि का नाम महर्षि बनने से पहले रत्नाकर था. वह लोगों को लूटने का काम किया करते थे. एक बार जब उन्होंने नारद मुनि को लूटने का प्रयास किया तो नारद ने उनसे पूछा कि वह ऐसा क्यों कर रहे हैं. इस पर रत्नाकर बोले मैं अपने परिवार का पेट पालने के लिए यह सब करता हूं. फिर नारद मुनि ने उन्हें बताया कि कैसे वह अपने किए गए इन पापों का भागीदार अपने परिवार के सभी सदस्यों को भी बना रहे हैं. जो चोरी करके वह लाते हैं उसे परिवार को खिलाते हैं, तो इसके भागीदार वे भी बन जाते हैं. नारद ने उन्हें कहा, तुमने जितने भी पाप किए हैं उनका फल तुम्हें इसी जन्म में मिल जाएगा. नारद के इस उपदेश के बाद रत्नाकर का जीवन बदल गया और उन्हें दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई. इसके बाद उन्होंने कड़ी तपस्या की. बताया जाता है कि जब उनकी तपस्या खत्म हुई तो उनका शरीर दीमक और चींटियों के टीले से ढ़का हुआ था. भगवान राम के नाम का जप करके उन्होंने सिद्धि प्राप्त कर ली. इसके बाद उन्हें महर्षि वाल्मीकि के नाम से लोग जानने लगे.
सोशल मीडिया पर त्योहारों के मैसेज
महर्षि वाल्मीकि की जयंति को हमारे देश में एक त्योहार की तरह मनाया जाता है. इस दिन लोग पूचा करने के अलावा अपने परिचितों और दोस्तों को वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं भी देते हैं. पहले जहां मिलकर सभी को किसी भी त्योहार की बधाई दी जाती थी, वहीं आज सोशल मीडिया के आने से लोग फेसबुक और व्हॉट्सऐप के जरिए अपने दोस्तों और परिचितों को त्योहारों की शुभकामनाएं भेजते हैं. वाल्मीकि जयंति के दिन भी लोग ऐसा करते हैं. हम आपको बता रहे हैं कि इस दिन पर आप सोशल मीडिया पर किन मैसेज और पंक्तियों के जरिए वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं भेज सकते हैं.
रामायण के हैं जो रचियता, संस्कृत के हैं जो कवि महान
ऐसे हमारे पूज्य गुरुवर, उनके चरणों में हमारा प्रणाम...वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं.
बुराई से अच्छाई की ओर लेकर जाने वाली महान महर्षि की कहानी...वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं.
लिख दी जिसने कथा पवित्र सीता राम की, साथ ही बताई भक्ति राम भक्त हनुमान की
प्रेम भाई भरत और लक्ष्मण का अनूठा, कैसे मां कौशल्या दशरथ से भाग्य रूठा...वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं.
राम सीता हैं मेरे पूज्य प्रभु, इनके चरणों में मैं करूं नमस्कार
जब भी हो नया सुनहरा सवेरा, राम नाम जपूं मैं बार-बार...वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं.
महर्षि वाल्मीकि ने लिखी कथा श्रीराम की
हमको बताईं महर्षि ने बातें महापुराण रामायण की...वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं.
सुख दुख हैं जीवन के मेहमान, आते हमारे पास बिन बुलाए
अहंकार का करो नाश तुम, यह जीवन का दुश्मन कहलाए...वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं.
मिले आशीर्वाद ऋषि वाल्मीकी से, विद्या मिले आपको देवी सरस्वती से
मिले धन मां लक्ष्मी से, सब सुख मिले श्रीराम से...वाल्मीकि जयंति की शुभकामनाएं.
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