आमतौर पर यही धारणा है कि 'मर्द को कभी दर्द नहीं होता'. मजबूती को पुरुषों से जोड़कर देखा जाता है. लेकिन, जब बात ब्रेकअप की हो तो वे भावनात्मक रूप से बेहद कमजोर साबित होते हैं. लेकिन कई मामलों में जब लड़के एकदम से कह उठता है कि अब वह इस रिश्ते को ज्यादा दिनों तक नहीं संभाल कर रख सकता, तो यकीनन महिला साथी के लिए ये एक दुखद होता है. इसकी वजह यह भी है कि कुछ लड़कों को लंबे समय तक ही एक रिश्ते में बने रहने की आदत नहीं होती. वे ज्यादा जिम्मेदारियां और रिश्ते के प्रति वादों को निभाने में आलसी होते हैं. ऐसे लड़के अक्सर अपनी साथी का दिल तोड़ कर चले जाते हैं. आपके साथ कुछ ऐसा न हो, इसके लिए खुद को पहले से ही तैयार रखें. और परखें अपने साथी के व्यवहार को कि कहीं वह भी आसानी से ब्रेकअप कर लेने वाली इसी राह पर तो नहीं जा रहे...
कहते हैं, मगर करते नहीं
अगर आपके साथी आपके वादों की डोर में बांध तो जाते हैं, लेकिन जब बात वादे को निभाने की आती है, तो जनाब का दूर- दूर तक कोई ठिकाना नहीं होता. जी, यह बिलकुल सच है. वादा करके न निभाना उनकी आदत बन जाए. वो आपसे कहते हैं कि वो आपको दोस्त की पार्टी में लेकर जाएंगे, लेकिन वे आते नहीं. न ही फोन करते हैं और न ही उठाते हैं. तो यकीन जानिये यह एक इशारा भर है उनके इरादों का.
'क्या तुम ठीक हो'
यह बात आपको भले ही बुरी लगे, लेकिन यह सच है. पुरुषों को आमतौर पर अपने रिश्तों के बारे में बात करना पसंद नहीं होता. कहीं जाने की बात पर अगर वे हमेशा आपसे यही सवाल पूछते हैं कि क्या तुम ठीक हो, चल सकती हो तो चलो नहीं तो रहने दो... अगर वे आपको साप्ताहिक पार्टियों के बारे में सलाह दें, तो... तो क्या ज़रा ध्यान दें उनके इरादों पर.
ज्यादा जरूरी
आप जिस रिश्ते में हैं उसकी मजबूती को जानने के लिए परखें कि आपके साथी के लिए उनके दोस्तों और आप में से कौन ज्यादा जरूरी है. अगर वे लगातार अपने दोस्तों को आपसे ज्यादा तरजीह देते हैं. इसके बाद भी आपको ही सेल्फिश करार देते हैं. तो इसे कहते हैं 'राह टेढ़ी करना'. यह उनकी उस ख्वाहिश का एक हिस्सा भर है. इससे वे उम्मीद करते हैं कि आप खुद ही उनसे दूर हो जाएंगी.
क्या लड़की है...
कोई भी लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के सामने किसी दूसरी लड़की को 'क्या लड़की है' कहने की गलती नहीं करेगा. हां, अगर वो खुद को बेमुरव्वत दिखाने की कोशिश कर रहा हो तो अलग बात है. तो बेहतर है कि आप खुद ही इस रिश्ते से अलग हो जाएं.
कहते हैं, मगर करते नहीं
अगर आपके साथी आपके वादों की डोर में बांध तो जाते हैं, लेकिन जब बात वादे को निभाने की आती है, तो जनाब का दूर- दूर तक कोई ठिकाना नहीं होता. जी, यह बिलकुल सच है. वादा करके न निभाना उनकी आदत बन जाए. वो आपसे कहते हैं कि वो आपको दोस्त की पार्टी में लेकर जाएंगे, लेकिन वे आते नहीं. न ही फोन करते हैं और न ही उठाते हैं. तो यकीन जानिये यह एक इशारा भर है उनके इरादों का.
'क्या तुम ठीक हो'
यह बात आपको भले ही बुरी लगे, लेकिन यह सच है. पुरुषों को आमतौर पर अपने रिश्तों के बारे में बात करना पसंद नहीं होता. कहीं जाने की बात पर अगर वे हमेशा आपसे यही सवाल पूछते हैं कि क्या तुम ठीक हो, चल सकती हो तो चलो नहीं तो रहने दो... अगर वे आपको साप्ताहिक पार्टियों के बारे में सलाह दें, तो... तो क्या ज़रा ध्यान दें उनके इरादों पर.
ज्यादा जरूरी
आप जिस रिश्ते में हैं उसकी मजबूती को जानने के लिए परखें कि आपके साथी के लिए उनके दोस्तों और आप में से कौन ज्यादा जरूरी है. अगर वे लगातार अपने दोस्तों को आपसे ज्यादा तरजीह देते हैं. इसके बाद भी आपको ही सेल्फिश करार देते हैं. तो इसे कहते हैं 'राह टेढ़ी करना'. यह उनकी उस ख्वाहिश का एक हिस्सा भर है. इससे वे उम्मीद करते हैं कि आप खुद ही उनसे दूर हो जाएंगी.
क्या लड़की है...
कोई भी लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के सामने किसी दूसरी लड़की को 'क्या लड़की है' कहने की गलती नहीं करेगा. हां, अगर वो खुद को बेमुरव्वत दिखाने की कोशिश कर रहा हो तो अलग बात है. तो बेहतर है कि आप खुद ही इस रिश्ते से अलग हो जाएं.
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