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क्या है बाथरूम कैंपिंग जिसकी दीवानी है Gen Z, इन नए ट्रेंड के नुकसान भी कम नहीं

Bathroom Camping: क्या है बाथरूम कैंपिंग जिसकी दीवानी है जेन जी जेनरेशन, क्या आप इस नए ट्रेंड के बारे में जानते हो, अगर नहीं तो चलिए जानते है इस नए ट्रेंड के बारे में.

क्या है बाथरूम कैंपिंग जिसकी दीवानी है Gen Z, इन नए ट्रेंड के नुकसान भी कम नहीं
Bathroom Camping Ideas: क्या आपको पता है क्या है बाथरूम कैंपिंग

Bathroom Camping: मोबाइल हाथ में हो तो अधिकांश लोग सब कुछ भूल जाते हैं. आसपास क्या घट रहा है, आसपास कौन मौजूद है कौन नहीं. कुछ याद नहीं रहता. हद तो इस बात है कि कई बार ये भी याद नहीं रहता कि खुद कहां बैठे हैं. इस वजह से कई लोग बाथरूम (Bathroom Me Zyada Der rahne Ke Nuksan) में ही घंटों गुजार देते हैं. एक समय पर बेकार मानी जाने वाली ये आदत अब एक नए ट्रेंड (New Camping Trends) में तब्दील हो चुकी है. इस ट्रेंड को कहा जा रहा है बाथरूम कैंपिंग. जिसे स्ट्रेस से बचने का, ज़ैन ज़ी का एक नया तरीका भी माना जा रहा है. 

क्या है बाथरूम कैंपिंग? (What Is Bathroom Camping)

बाथरूम कैंपिंग का मतलब है – बिना किसी जरूरत के लंबे समय तक बाथरूम में रहना. सिर्फ इसलिए ताकि थोड़ी शांति मिल सके. यहां न तो टेंट है, न कैम्प फायर, न तारों भरा आसमान. लेकिन हां, बाथरूम में बैठे लोग म्यूजिक सुनते हैं. सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते हैं और खुद के साथ वक्त बिताते हैं.
यह ट्रेंड TikTok पर एक यूजर के वीडियो से शुरू हुआ. उसने बताया कि जब भी वह बहुत ज़्यादा ओवरस्टिम्युलेट हो जाता है, चाहे पार्टी में हो या घर पर, वो बाथरूम में जाकर रिलैक्स करता है.
ये चलन समय गुजरने के साथ तेजी से वायरल होता जा रहा है और अब कई लोग इसे अपना रहे हैं. लोगों को लग रहा है कि जब दुनियाभर में खूब रेलमपेल मची हुई है तब बाथरूम ही सबसे ज्यादा सिक्योर है. जहां कोई डिस्टर्ब करने नहीं आता है. 

क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?

लिसुन (LISSUN) नाम की मेंटल हेल्थ कंपनी के क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट ध्रुव रावत ने इस बारे में इंडिया टूडे से कहा, "आजकल लोगों को एक ऐसी जगह चाहिए जहां वो खुद के साथ रह सकें. बाथरूम वो जगह बन गई है जहां कोई टोकता नहीं, और फोन यूज करना भी बुरा नहीं माना जाता."
लेकिन वो ये भी कहते हैं कि अगर यह आदत रोज़-रोज़ हो रही है और काम या जिम्मेदारियों से बचने का बहाना बन रही है, तो यह एक मेंटल हेल्थ रेड फ्लैग हो सकता है.

बाथरूम अब बन गया है 'पर्सनैलिटी स्पेस'

अब तो कुछ लोग अपने बाथरूम को सजाने लगे हैं – फेयरी लाइट्स, फ्लीस के कार्पेट, डेकोर पीस और यहां तक कि नोटबुक्स भी. इसे 'टॉयलेटस्केपिंग' कहा जा रहा है. कुछ लोग तो बाथरूम में बैठकर खाना भी खा रहे हैं, जो साफ तौर पर अनहाइजीनिक है.

हेल्थ के लिए क्यों है खतरनाक?

डॉक्टर्स चेतावनी दे रहे हैं कि बाथरूम में ज्यादा देर बैठना न केवल हाइजीन के लिए खतरनाक है, बल्कि इससे हेल्थ इश्यूज़ भी हो सकते हैं – जैसे बवासीर (piles), पाचन समस्या आदि.
बेंगलुरु की ग्लेनेगल्स बीजीएस हॉस्पिटल की डॉक्टर सीरी एम. कमाथ ने इंडिया टुडे से कहा, "हर बार जब टॉयलेट फ्लश होता है, तो बैक्टीरिया और वायरस हवा में फैल जाते हैं. ये हर चीज पर गिरते हैं – यहां तक कि आपके फोन पर भी."
फोन की बात करें तो वो टॉयलेट सीट से भी ज्यादा गंदे हो सकते हैं और उनमें ई. कोलाई जैसे खतरनाक बैक्टीरिया होते हैं.

तो फिर क्या करें?

स्ट्रेस से बचने के लिए बाथरूम में बैठने से बेहतर कुछ आसान और हेल्दी आदतें अपनाएं:
•    लंबे काम के बीच छोटे-छोटे ब्रेक लें
•    पर्याप्त नींद लें और हेल्दी खाना खाएं
•    काम के समय सही पोस्चर में बैठें
•    काम को बोझ नहीं, एक चुनौती की तरह देखें
•    खुद से यह सवाल करें कि आप जो कर रहे हैं उसका मकसद क्या है

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