वजन घटाने वाली सर्जरी प्रभावित कर सकती है हड्डियों को : अध्ययन
नई दिल्ली:
वजन कम करने के लिए आजकल कई लोग सर्जरी का सहारा लेने लगे हैं. जी हां, बढ़ता वज़न सबसे बड़ी समस्या बन चुका है. एक्सरसाइज़ और खान-पान में बदलाव के बावजूद कई लोगों का वज़न तस से मस नही होता. इसी वजह से सर्जरी का ट्रेंड ज़ोरों पर है.
लेकिन एक अध्ययन में दावा किया गया है कि वजन घटाने के लिए कराई जाने वाली सर्जरी हड्डियों को कमजोर कर सकती है और इससे फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है.
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जर्नल जेबीएमआर प्लस में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि वजन घटाने के लिए कराई जाने वाली सर्जरी के बाद हड्डियों की संरचना में बदलाव होने लगता है. यह सिलसिला सर्जरी के बाद वजन में स्थिरता आने के बावजूद बंद नहीं होता.
अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की एनी शैफर ने बताया ‘‘चिकित्सा संबंधी वर्तमान दिशा निर्देशों में हड्डियों के स्वास्थ्य पर स्पष्टता है लेकिन ज्यादातर सिफारिशें निम्न स्तरीय प्रमाण या विशेषज्ञों की राय पर आधारित हैं.’’
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उन्होंने बताया कि पोषण संबंधी कारक, हार्मोन, शारीरिक अवसंरचना के तत्वों में समय के साथ होने वाला बदलाव और बोन मैरो की वसा हड्डियों के कमजोर या मजबूत होने का कारण हो सकते हैं.
ज्यादातर अध्ययनों में रौक्स एन वाई गैस्ट्रिक बाइपास सर्जरी के प्रभावों का अध्ययन किया गया है. दुनिया भर में वजन घटाने के लिए यह सर्जरी की प्राथमिकता रही है, लेकिन हाल ही में इसकी जगह स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी ने ले ली है. फिलहाल हड्डियों पर इस नवीनतम सर्जरी के प्रभावों का पता नहीं चल पाया है.
देखें वीडियो - वजन कम करने के ये हैं कुछ असरदार टिप्स
लेकिन एक अध्ययन में दावा किया गया है कि वजन घटाने के लिए कराई जाने वाली सर्जरी हड्डियों को कमजोर कर सकती है और इससे फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है.
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जर्नल जेबीएमआर प्लस में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि वजन घटाने के लिए कराई जाने वाली सर्जरी के बाद हड्डियों की संरचना में बदलाव होने लगता है. यह सिलसिला सर्जरी के बाद वजन में स्थिरता आने के बावजूद बंद नहीं होता.
अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की एनी शैफर ने बताया ‘‘चिकित्सा संबंधी वर्तमान दिशा निर्देशों में हड्डियों के स्वास्थ्य पर स्पष्टता है लेकिन ज्यादातर सिफारिशें निम्न स्तरीय प्रमाण या विशेषज्ञों की राय पर आधारित हैं.’’
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उन्होंने बताया कि पोषण संबंधी कारक, हार्मोन, शारीरिक अवसंरचना के तत्वों में समय के साथ होने वाला बदलाव और बोन मैरो की वसा हड्डियों के कमजोर या मजबूत होने का कारण हो सकते हैं.
ज्यादातर अध्ययनों में रौक्स एन वाई गैस्ट्रिक बाइपास सर्जरी के प्रभावों का अध्ययन किया गया है. दुनिया भर में वजन घटाने के लिए यह सर्जरी की प्राथमिकता रही है, लेकिन हाल ही में इसकी जगह स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी ने ले ली है. फिलहाल हड्डियों पर इस नवीनतम सर्जरी के प्रभावों का पता नहीं चल पाया है.
देखें वीडियो - वजन कम करने के ये हैं कुछ असरदार टिप्स
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