Parenting tips : इंजीनियर, सामाजिक कार्यकर्ता, देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों से सम्मानित सुधा मूर्ति दो बच्चों की मां भी हैं. मूर्ति की पालन-पोषण तकनीकों की हमेशा नए जमाने के माता-पिता द्वारा सराहना की गई है, जो एक तरफ पालन-पोषण में पारंपरिकता को शामिल करना चाहते हैं और दूसरी तरफ अपने बच्चों को आधुनिकता के बराबर बनाना चाहते हैं. सुधा मूर्ति की पालन-पोषण सलाह मार्डनिज्म और ट्रेडिशनल दोनों पर बेस्ड होती है. तो चलिए आपको बताते हैं सुधा मूर्ति के 4 पेरेंटिंग टिप्स जो मां बाप को जरूर अपनानी चाहिए.
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सुधा मूर्ति पेरेंटिंग टिप्स
- सुधा मूर्ति कहती हैं कि कभी भी बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से नहीं करनी चाहिए. क्योंकि हर बच्चे की क्षमता अलग होती है. ऐसा करने से उनके मन पर बुरा असर पड़ता है. तो इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए.
- पेरेंट्स को बच्चों में बढ़ते गैजेट्स एडिक्शन को कम करके उनके हाथों में किताब देनी चाहिए. किताबों की दोस्ती उनके नॉलेज को बढ़ाने और एक बेहतर इंसान बनाने में अहम भूमिका निभाएगी.
- बच्चों को उम्र के हिसाब से जिम्मेदारियां देनी शुरू कर देनी चाहिए. इससे बच्चा एक अच्छा डिसीजन मेकर बनेगा. साथ ही उसके समझने की शक्ति का भी अच्छा विकास होगा.
- वहीं, बच्चों से हमेशा संवाद करते रहें. बातचीत की कमी की वजह बच्चों और माता-पिता में दूरियां पैदा कर देती हैं. जो आपसी रिश्ते के लिए अच्छा नहीं है. इसके अलावा आप पैसे की वैल्यू बच्चों को जरूर बताएं. बिना जरूरत जानें उसे पैसे ना दें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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