भेदभाव की शिकार 13 सेक्स वर्कर्स को मिलेगा कौशल प्रशिक्षण
नई दिल्ली:
सेक्स वर्कर्स के लिए एक अच्छी खबर आई है. सरकार की तरफ से उन्हें शिक्षित करने के लिए परियोजना तैयार की गई है. इसके तहत दिल्ली पुलिस द्वारा रेड-लाईट एरिया और जीबी रोड से छुड़ाई गई सेक्स वर्कर को पढ़ाया जाएगा. बता दें, 13 महिलाओं को दिल्ली पुलिस की विशेष संस्था स्पेशल पुलिस यूनिट फॉर वुमेन एंड चिल्ड्रन द्वारा दिल्ली के बदनाम रेड-लाईट एरिया, जीबी रोड से मुक्त कराया गया है. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत एक विशेष परियोजना में इन लड़कियों को एक महीने के लिए अल्पकालिक कौशल प्रशिक्षण दिया गया.
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दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश मुक्ता गुप्ता की अध्यक्षता में वंचित लड़कियों को सहयोग एवं कौशल प्रशिक्षण देना और उन्हें आजीविका के व्यावहारिक साधन उपलब्ध कराना इस विशेष परियोजना का उद्देश्य है.
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स्पेशल प्रोजेक्ट के बारे में कौशल मंत्रालय के संयुक्त सचिव एवं सीवीओ राजेश अग्रवाल ने कहा, "सेक्स वर्कर्स का शोषण दयनीय स्थिति में है. इन्हें अपने काम के चलते भेदभाव के नजरिए से देखा जाता है. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत इन लड़कियों को कौशल प्रदान करने और उन्हें बेहतर आजीविका उपलब्ध कराना इस परियोजना का मकसद है ताकि वे बेहतर और गरिमामय जीवन जी सकें."
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अग्रवाल ने कहा, "दिल्ली पुलिस के साथ हमारे संयुक्त प्रयासों के माध्यम से हम सेक्स वर्कर्स को सुरक्षा प्रदान कर उन्हें आजीविका के गरिमामय साधन देना चाहते हैं."
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जुवेनाईल जस्टिस कमेटी की चेयरमैन न्यायाधीश मुक्ता गुप्ता ने कहा, "मानव तस्करी एक गंभीर मुद्दा है. हमारा मानना है कि राष्ट्रीय कौशल विकास योजना की यह विशेष परियोजना अन्य पीड़ितों को भी आगे आने के लिए प्रोत्साहित करेगी और उन्हें बेहतर आजीविका के अवसर तलाशने में मदद करेगी. इस परियोजना के माध्यम से हम इन लड़कियों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकेंगे." (इनपुट - आईएएनएस)
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