विज्ञापन
This Article is From Mar 13, 2018

सैनिटरी नैपकिन और टैम्पॉन आपको कर सकते हैं बीमार, इस्तेमाल करने से पहले पढ़ें ये TIPS

जेल-बेस्ड सैनिटरी नैपकिन्स पीरियड्स ब्लड को सोखकर दाग लगने की परेशानी से तो बचा लेते हैं, लेकिन यह सेहत के लिए अच्छे नहीं. 

सैनिटरी नैपकिन और टैम्पॉन आपको कर सकते हैं बीमार, इस्तेमाल करने से पहले पढ़ें ये TIPS
सैनिटरी नैपकिन्स और टैम्पॉन्स सेहत के लिए खतरनाक
नई दिल्ली: क्या आप जानते हैं कि सैनिटरी नैपकिन्स और टैम्पॉन्स ना सिर्फ पर्यावरण के लिए हारिकारक होते हैं बल्कि यह सेहत के लिए भी अच्छे नहीं. ज़्यादातर महिलाओं को इस बात का अंदाजा भी नहीं कि उनके पर्सनल हाइजिन से जुड़ी इस चीज़ से भी वो परेशानी में पड़ सकती हैं. क्योंकि जेल-बेस्ड सैनिटरी नैपकिन्स पीरियड्स ब्लड को सोखकर दाग लगने की परेशानी से तो बचा लेते हैं, लेकिन यह सेहत के लिए अच्छे नहीं. 

आम सैनिटरी नैपकिन नहीं आपकी सेहत के लिए बेस्‍ट हैं बायोडिग्रेडेबल पैड, दीया मिर्जा भी करती हैं इस्‍तेमाल

डॉ. रागिनी अग्रवाल का कहना है कि सैनिटरी नैपकिन्स के इस्तेमाल से कई महिलाओं में इन्फेक्शन और जलन की शिकायत देखी जाती है. यह परेशानी पीरियड्स खत्म होने के बाद उन्हें होती है. इसका कारण है लंबे समय तक आपके प्राइवेट पार्ट के पास पैड्स या टैम्पॉन्स का रहना, क्योंकि इससे एयर सर्कुलेशन बहुत कम हो जाता है जिससे उस जगह पर बैक्टिरिया पनपने लगते हैं. यही बैक्टिरिया पीरियड्स के कुछ दिनों बाद एलर्जी या इन्फेक्शन की वजह बनते हैं. इसीलिए बेहतर होगा ऐसे प्रोडक्ट्स को अवॉइड किया जाए. 

प्रेग्‍नेंसी के दौरान सेक्‍स: जानिए क्‍या है सच्‍चाई और क्‍या है झूठ?
 
pads

आगे डॉ. अग्रवाल का कहना है कि जितना हो सके पैड्स और टैम्पॉन को अवॉइड करें और इसके बजाय कॉटन पैड्स या फिर मेंस्ट्रुअल कप्स का इस्तेमाल करें. क्योंकि यह कैमिकल फ्री होने के साथ ही इस्तेमाल करने में भी सुरक्षित हैं. जरुरत के समय में आम पैड्स और टैम्पॉन को इस्तेमाल में लाया जा सकता है लेकिन उसके लिए ध्यान रखें कि हर चार घंटे में इन्हें बदलते रहें.

क्या होते हैं Menstrual Cups? क्यों ये सैनिटरी नैपकिन और टैम्पॉन से बेहतर है

सैनिटरी नैपकिन्स औप टैम्पॉन से कैमिकल का खतरा 
डॉक्टर अग्रवाल का कहना है कि इनमें डाइऑक्सीन नामक तत्व पाया जाता है जिसे आम भाषा में ह्यूमन कार्सिनोजेन नाम से जाना जाता है. यह टैम्पॉन और पैड्स के क्लोरीन ब्लिचिंग प्रोसेस के दौरान निकलता है. एक बार इस केमिकल के किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से यह शरीर में लगभग 20 साल तक रहता है.  

पीरियड्स के दौरान भी सेक्स करने से हो सकते हैं प्रेग्नेंट, जानिए कैसे बचें

आगे उन्होंने कहा कि पैड्स में मौजूद यह डाइऑक्सीन त्वचा के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं. हालांकि यह अभी तक साबित नहीं हुआ कि इस कैमिकल से कैंसर हो सकता है या नहीं. इस बारे में अभी भी रिसर्च जारी है. लेकिन यह स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है. 

डॉ. अग्रवाल से जानें सैनिटरी नैपकिन्स और टैम्पॉन्स का इस्तेमाल करने के लिए सेफ्टी टिप्स:

1. हर 4 घंटे में पैड/टैम्पॉन को बदलें. 

2. एक बार इस्तेमाल के बाद पैड/टैम्पॉन को दोबारा यूज ना करें.

3. पैड/टैम्पॉन के इस्तेमाल से पहले और बाद दोनों वक्त हाथों को अच्छे से साफ करें. 

4. पीरियड्स के दौरान टाइट पैंट या लोअर ना पहनें. इससे एयर सर्कुलेशन होता रहेगा और इन्फेक्शन का खतरा कम होगा. 

5. अपने प्राइवेट पार्ट को हमेशा सूखा रखें. 

6. प्राइवेट पार्ट्स को हमेशा साफ रखें. 

देखें वीडियो - यहां मुफ्त में दिया जाता है पैड
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com