ताईपे:
अधिक उम्र के लोग यदि नियमित रूप से ताई ची का अभ्यास करें तो यह उनके गिर कर घायल होने के खतरे को कम करने में सहायक हो सकता है। ताई ची की कुछ खास मुद्राएं हैं, इसमें ध्यान केंद्रित करके लंबी सांस लेना और छोड़ना होता है। इसका अभ्यास आप टहलते हुए, खड़े-खड़े या बैठ कर भी कर सकते हैं। गहरी सांस लेना, कदम बढ़ाना आदि इसके अभ्यास के अंग हैं।
घर में भी कर सकते हैं अभ्यास
ताइवान स्थित ताइपे मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और इस अध्ययन के सह लेखक मउ रांग लीन ने कहा, "मैं सलाह देता हूं कि अधिक उम्र वालों को ताई ची की अभ्यास कक्षा लेनी चाहिए। इसके साथ ही उन्हें सप्ताह में कम से कम एक बार घर में इसका अभ्यास करना चाहिए।"
शोध में हुआ खुलासा
शोधकर्ताओं ने पैरों को मजबूत करने के लिए किए जाने वाले व्यायामों (शारीरिक उपचार जिसे एलईटी यानी लोअर एक्ट्रीमिटी ट्रेनिंग कहा जाता है) के प्रभाव की ताई ची के प्रभाव से तुलना की। इस अध्ययन के दौरान 60 साल या इससे अधिक उम्र के 368 लोगों के दो दल बनाए गए, जिनका गिरने की वजह से इलाज किया जा चुका था।
शोध में हुई मांसपेशियों को मजबूत करने की ट्रेनिंग
पहले दल को हर हफ्ते छह माह तक अनुदेशक ने एक घंटे की व्यक्तिगत रूप से ताई ची क्लास दी। दूसरे दल को इसी तरह एक घंटे की एलईटी की क्लास छह माह तक दी गई। इसमें मांसपेशियों को मजबूत करने और संतुलन बनाने का प्रशिक्षण सहित कई चीजें सिखाई गईं।
ताई ची का अभ्यास करने वालों से मिलें नए परिणाम
शोधकर्ताओं ने दोनों दलों को कम से कम अपने प्रशिक्षण सत्र का 80 फीसदी पूरा करने को कहा गया था। साथ ही ताई ची या एलईटी का हर दिन घर पर अभ्यास करते रहने का निर्देश दिया गया था। छह माह बाद पाया गया कि जो लोग ताई ची का अभ्यास करने वाले समूह में थे उनमें गिरने की वजह से जख्मी होने की आशंका एलईटी वालों की तुलना में 50 फीसदी कम थी। यह अध्ययन रिपोर्ट अमेरिकन जेरिएट्रिक्स सोसाइटी की पत्रिका में प्रकाशित हुई है।
घर में भी कर सकते हैं अभ्यास
ताइवान स्थित ताइपे मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और इस अध्ययन के सह लेखक मउ रांग लीन ने कहा, "मैं सलाह देता हूं कि अधिक उम्र वालों को ताई ची की अभ्यास कक्षा लेनी चाहिए। इसके साथ ही उन्हें सप्ताह में कम से कम एक बार घर में इसका अभ्यास करना चाहिए।"
शोध में हुआ खुलासा
शोधकर्ताओं ने पैरों को मजबूत करने के लिए किए जाने वाले व्यायामों (शारीरिक उपचार जिसे एलईटी यानी लोअर एक्ट्रीमिटी ट्रेनिंग कहा जाता है) के प्रभाव की ताई ची के प्रभाव से तुलना की। इस अध्ययन के दौरान 60 साल या इससे अधिक उम्र के 368 लोगों के दो दल बनाए गए, जिनका गिरने की वजह से इलाज किया जा चुका था।
शोध में हुई मांसपेशियों को मजबूत करने की ट्रेनिंग
पहले दल को हर हफ्ते छह माह तक अनुदेशक ने एक घंटे की व्यक्तिगत रूप से ताई ची क्लास दी। दूसरे दल को इसी तरह एक घंटे की एलईटी की क्लास छह माह तक दी गई। इसमें मांसपेशियों को मजबूत करने और संतुलन बनाने का प्रशिक्षण सहित कई चीजें सिखाई गईं।
ताई ची का अभ्यास करने वालों से मिलें नए परिणाम
शोधकर्ताओं ने दोनों दलों को कम से कम अपने प्रशिक्षण सत्र का 80 फीसदी पूरा करने को कहा गया था। साथ ही ताई ची या एलईटी का हर दिन घर पर अभ्यास करते रहने का निर्देश दिया गया था। छह माह बाद पाया गया कि जो लोग ताई ची का अभ्यास करने वाले समूह में थे उनमें गिरने की वजह से जख्मी होने की आशंका एलईटी वालों की तुलना में 50 फीसदी कम थी। यह अध्ययन रिपोर्ट अमेरिकन जेरिएट्रिक्स सोसाइटी की पत्रिका में प्रकाशित हुई है।
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