Parenting Tips: बच्चे आमतौर पर परीक्षा के दौरान तनाव से घिरने लगते हैं. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है वैसे-वैसे यह चिंता भी गहराने लगती है. बच्चों को इस चिंता में डूबे देख माता-पिता का खून सूखता है सो अलग. लेकिन, चिंता बच्चों की तबीयत और कभी-कभी ग्रेड्स खराब करने के अलावा और कुछ नहीं करती. इस चिंता (Tension) से बहुत से बच्चे बीमार पड़ जाते हैं और बहुत ऐसे भी हैं जिन्हें पढ़ाई में ध्यानकेंद्रित करने में मुश्किलें आती है. ऐसे में यहां पैरेंट्स के लिए कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं जिनकी मदद से वे अपने बच्चों को परीक्षा से पहले तनावमुक्त (Stress Free) रख सकते हैं जिससे वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे पाएं और चिंताओं का पहाड़ अपने सिर पर उठाकर ना घूमें.
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बच्चों को परीक्षा के दौरान कैसे रखें तनावमुक्त | How To Keep Children Stress Free During Exams
स्ट्रेस और एंजाइटी को समझेंबच्चे को यह कहना कि वह बिना बात टेंशन ले रहा है या इस अकेले को ही पेपर देने की चिंता खाए जा रही है, समस्या का समाधान नहीं है. इससे बच्चा और ज्यादा तनाव में डूबेगा और उसकी दिक्कत का कोई हल नहीं निकलेगा. आप बच्चे से बात करें, उसे कहें कि वह तनाव में जरूर है और एंजाइटी (Anxiety) महसूस हो सकती है, लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि वह इस तनाव को खुदपर हावी होने दे. आपका साथ बच्चे को संतुष्ट जरूर करेगा.
खुद रहें स्ट्रेस से दूर
बच्चे का तनाव दूर करने से पहले आपको अपने तनाव से पार पाना होगा. किसी भी मुश्किल से बच्चा तब निकलना सीखेगा जब वह अपने माता-पिता को हर मुसीबत से लड़ता हुआ देखेगा. अगर आप भी बच्चे की चिंता को लेकर चिंतित रहेंगे तो इस चिंता का सिलसिला चलता ही रहेगा और कोई किसी की मदद नहीं कर पाएगा. इसलिए अपना दिमाग ठंडा रखकर बच्चे की परेशानी दूर करने की कोशिश करें.
बच्चे के पास बैठें और उसे कहें कि तनाव को दूर करने के लिए कुछ एक्सरसाइज व तकनीक काम आती हैं. जैसे, गहरी सांस लेकर होल्ड करना और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ने से एंजाइटी और तनाव से निजात मिलती है. इसके अलावा बच्चे को शवासन, बालासन या तनाव करने वाले कोई भी योग (Yoga) कराए जा सकते हैं.
करें पॉजिटिव बातें
माता-पिता का बच्चों को पॉजिटिव बातें कहना कई हद तक बदलाव ला देता है. बच्चे पर किसी तरह का दबाव डालना या फिर बच्चे को कुछ नकारात्मक कहना उसके आत्मविश्वास को हिला सकता है. ऐसे में बच्चे पर दबाव (Pressure) ना बनाते हुए उससे सकारात्मक बातें कहना बेहद आवश्यक होता है.
बच्चा पढ़ाई करता है या नहीं करता है, वह तनाव लेता है या नहीं लेता है और वह परीक्षा को लेकर कितना गंभीर है और कितना नहीं इसपर उसकी दूसरे लोगों से निंदा करने से बचें. बच्चे को परीक्षा के दौरान इस तरह की बातें अत्यधिक चिंतित कर देती हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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