
Parenting Advice: बच्चे जब बड़े होने लगते हैं तो अक्सर ही पैरेंट्स और बच्चों के बीच की दूरियां गहराने लगती हैं. बच्चों में शारीरिक और मानसिक कई तरह के बदलाव होने लगते हैं. इन बदलावों के चलते बच्चों का व्यवहार भी बदलने लगता है. वहीं, पैरेंट्स के लिए भी बच्चों का यह नए तरह का बिहेवियर या कहें उनका कभी बदतमीजी से बात करना पैरेंट्स के लिए काफी नया होता है. इस उम्र में खासतौर से मां (Mother) के साथ बच्चे के रिश्ते थोड़े खराब होने लगते हैं. कई बार मां भी बच्चे से ऐसी बातें कह देती हैं जो बच्चों के मन पर गहरी चोट करती हैं. ऐसे में पैरेंटिंग कोच रिद्धि देवरिया बता रही हैं कि मां की कौनसी गलती बच्चों और मां के बीच दूरिया बढ़ा सकती हैं. इसीलिए इन गलतियों को करने से खासतौर से मां को बचना चाहिए, टीनेज बच्चों (Teenagers) से कौनसी बातें नहीं कहनी चाहिए और किस तरह बच्चों से करीबी बढ़ाई जा सकती है.
टीनेज बच्चों से मां को कैसे डील करना चाहिए | How Mothers Should Deal With Teenagers
पैरेंटिंग कोच का कहना है कि अगर टीनेज बच्चे आपकी बात नहीं सुनते और मां को ऐसा लगता है कि बच्चे उन्हें डिसरिस्पेक्ट कर रहे हैं तो ऐसा नहीं है. पैरेंटिंग कोच (Parenting Coach) कहती हैं कि बच्चे आपको डिसरिस्पेक्ट नहीं कर रहे हैं या लड़ना नहीं चाहते हैं बल्कि वह अपनी खुद की आवाज को ढूंढ रहे हैं या कहें खुद को समझने की कोशिश कर रहे हैं. टीनेज उम्र ही ऐसी है जब बच्चे कई तरह के बायोलॉजिकल बदलावों से गुजर रहे होते हैं.
बच्चों को अगर घर में प्यार नहीं मिलता है तो वह उसे बाहर ढूंढने लगते हैं. ऐसे में बच्चों के साथ मां को कम्यूनिकेट करने की जरूरत होती है, बोंड बनाने पर ध्यान देना जरूरी है. टीनेजर बच्चों को फ्रीडम चाहिए, प्राइवेसी चाहिए, एक्साइटमेंट चाहिए और कंट्रोल चाहिए. अगर उन्हें ये चीजें घर पर नहीं मिलती हैं तो वे बाहर इन चीजों को ढूंढना शुरू कर देते हैं. ऐसी स्थिति में मां कुछ बातों को ध्यान में रखकर टीनेज बच्चों से डील कर सकती हैं और रिश्ता बेहतर बना सकती हैं.
बच्चों को सुनने की कोशिश करेंपैरेंटिंग कोच (Parenting Coach) का कहना है कि मां को यह सीखना होगा कि वे बिना बच्चे को टोके उसकी बात सुन सकें. जब वे खुद को जज्ड महसूस नहीं करेंगे तो बेहतर तरह से अपनी बात कह पाएंगे. इससे वे हर काम को बेहतर और अलग तरह से कर पाएंगे.
संयम बनाए रखनामां को संयम बनाकर रखने की भी जरूरत है. मां को टीनेज बच्चों के साथ काल्म रहना होगा. यह थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन मां होने के नाते आपकी एनर्जी शब्दों से ज्यादा बच्चे पर प्रभाव डालेगी.
टीनेजर को भाषण ना दें
मां को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वे बच्चे को भाषण ना दें. यह टीनेज बच्चे के साथ काम नहीं कर पाएगा. अगर मां टीनेज बच्चे को हर समय लेक्चर देंगी तो बच्चे को लगेगा कि उसका कुछ भी बोलना मां को डिसरिस्पेक्ट जैसा लगेगा.
टीनेजर्स को स्पेस और प्राइवेसी देंबच्चे को प्राइवेसी देना बेहद जरूरी होता है. अगर बच्चे को घर में प्राइवेसी (Privacy) नहीं मिलती तो वह घर पर समय नहीं बिताना चाहेंगे. इसीलिए बच्चों को घर में ही स्पेस और प्राइवेसी देना जरूरी है.
बनाएं लव कनेक्शनबच्चे से 10 मिनट का लव कनेक्शन घंटों के लड़ाई-झगड़े से बेहतर होता है. इसीलिए बच्चे के साथ प्योर कनेक्शन बनाने पर फोकस करें. बच्चे से मां का प्यार से बात करना जरूरी है और उसे समझना, स्पेस देना और उसे प्राइवेसी देना रिश्ते को बेहतर कर सकता है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं