विज्ञापन
This Article is From Jun 15, 2020

''पूरे परिवार को हो गया था COVID-19, घर पर रहकर बंधाई एक दूसरे की हिम्मत और...'' लड़की ने शेयर की अपनी कहानी

मिथिला ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, ''मेरा परिवार मुंबई के विले पार्ले में रहता है. मैं, मेरी छोटी बहन और माता-पिता. लॉकडाउन शुरू होन के बाद हमारे घर से हफ्ते में केवल एक बार घर का जरूरी सामान लेने के लिए पापा बाहर जाते थे''. 

''पूरे परिवार को हो गया था COVID-19, घर पर रहकर बंधाई एक दूसरे की हिम्मत और...'' लड़की ने शेयर की अपनी कहानी
लड़की ने सोशल मीडिया पर बताया कैसे जीती COVID-19 से जंग.
नई दिल्ली:

कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) का बहुत से लोग सामना कर रहे हैं और इन्ही में से कुछ लोग इस बीमारी के साथ जंग जीतने की अपनी कहानियों के बारे में सोशल मीडिया (Social Media) पर भी शेयर कर रहे हैं. इन टिप्स के जरिए कई दूसरे मरीजों को भी कोविड-19 (COVID-19) से लड़ने में मदद मिल रही है. इसी बीच मुंबई (Mumbai) में रहने वाली एक लड़की ने ट्विटर पर एक के बाद एक 35 ट्वीट करते हुए कोविड-19 से अपनी और अपने परिवार की जंग के बारे में बताया है. 

दरअसल, मिथिला फड़के (Mithila Phadke) ने अपने पूरे परिवार की कोविड-19 (COVID-19) से जंग के बारे में सोशल मीडिया पर बताया है. उन्होंने बताया कि किस तरह से इस मुश्किल वक्त में उनका परिवार एक दूसरे का साथ देता रहा और सभी ने घर में इलाज किया और इस बीमारी को मात दे दी. 

मिथिला ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, ''मेरा परिवार मुंबई के विले पार्ले में रहता है. मैं, मेरी छोटी बहन और माता-पिता. लॉकडाउन शुरू होन के बाद हमारे घर से हफ्ते में केवल एक बार घर का जरूरी सामान लेने के लिए पापा बाहर जाते थे''. 

अपने इन ट्वीट्स में मिथिला ने बताया कि कोविड-19 के लक्षण नजर आने के बाद उन्होंने बीएमसी अधिकारियों से लेकर मेडिकल प्रोफेशनल्स तक सभी से मदद मांगी लेकिन कोविड-19 के लिए टेस्ट होने में भी बहुत अधिक वक्त लगा. यहां तक कि जब तक उनकी टेस्ट की रिपोर्ट आई तब तक उनके घर में सभी लोग कोविज-19 से ठीक होना शुरू हो गए थे. 

मिथिला ने बताया कि सबसे पहले उनकी छोटी बहन में कोविड-19 के लक्षण नजर आए थे. मिथिला ने लिखा, ''एक दिन दोपहर के वक्त उसे काफी घबराहट हो रही थी और इसलिए वह सोने चली गई. इसके बाद उसे 100 फेरेनाइट से अधिक तेज बुखार हो गया. सर में दर्द और गले में दर्द जैसे लक्षण भी नजर आने लगें''. 

उन्होंने लिखा, ''इसके बाद हम सब बीमार हो गए और किस्मती से हमारे एक रिश्तेदार का 1 कमरे का फ्लैट हमें मिल गया था क्योंकि उनकी मौत कुछ वक्त पहले ही हुई थी और फ्लैट खाली थी. इसलिए हमने घर में सभी के बेड्स के बीच दूरी बनाई और एक दूसरे को मुश्किल वक्त में हिम्मत देते रहें''. 

मिथिला ने यह भी बताया कि उनका परिवार ऑर्डर किए गए कुछ सामान की वजह से कोविड-19 के संपर्क में आया था. इसलिए उन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों को वॉर्निंग दी कि किसी भी तरह की डिलीवरी लेते वक्त अधिक सावधानी बरतें और खुद एक बार पैकेज को सेनेटाइज करें. 

मिथिला द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर की गई जानकारी कई लोगों के काफी काम आ रही है और उन्हें इस बीमारी से लड़ने के लिए उम्मीद दे रही है. वहीं कई लोग मिथिला की सराहना कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने और उनके परिवार ने एक साथ मिलकर इस बीमारी को हराया और एक दूसरे की हिम्मत बांधी. 

साथ ही मिथिला के अनुभव ने लोगों के सामने कोविड-19 को लेकर प्रशासन के काम की हकीकत भी लोगों के सामने रख दी है. पेपरवर्क में देरी होने से लेकर टेस्ट के नतीजे आने तक और परिवार के कोविड-19 पॉजिटिव आने के बाद भी बिल्डिंग को सील नहीं करने तक, प्रशासन द्वारा किसी तरह की सावधानी नहीं बरती गई. 

हालांकि, अब उनका परिवार क्वारंटाइन से बाहर और पूरी तरह से स्वस्थ है. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com