नई दिल्ली:
बच्चों को खुले मैदान में खेलने की इजाजत देने से उनमें प्रकृति के प्रति प्यार विकसित होने में मदद मिल सकती है. कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर कैथरीन ब्रूम ने बताया, "युवावस्था में प्रकृति के प्रति सकारात्मक अनुभव विकसित होने से यह वयस्क के रूप में हमारे दृष्टिकोण और व्यवहार को प्रभावित कर सकता है."
इस शोध का निष्कर्ष का प्रकाशन Australian magazine 'Environmental Education'
में प्रकाशित हुआ है. इसमें कहा गया है कि 87 फीसदी बच्चे, जिन्होंने बचपन में बाहर खेला, उन्होंने युवा होने पर प्रकृति के प्रति अपना प्रेम प्रकट किया. समूह के 84 फीसदी प्रतिभागियों ने पर्यावरण की प्राथमिकता के तौर पर देखभाल करने की बात कही.
ब्रूम ने कहा, "अगली पीढ़ी में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और कार्रवाई के क्रम में इनके बचपन के अनुभवों का अध्ययन करना महत्वपूर्ण है." इस शोध के लिए दल ने 50 विश्वविद्यालय के छात्रों का साक्षात्कार लिया. इनकी आयु 18 से 25 साल रही. इस समूह की 100 फीसदी महिलाओं ने कहा कि वह प्रकृति से प्यार करती हैं और 87 फीसदी पुरुषों ने भी कहा कि वह प्रकृति से प्यार करते हैं.
शोधकर्ताओं ने कहा कि पर्यावरण जागरूकता के कार्यक्रम छोटे बच्चों में प्रकृति-प्रेम जगा सकते हैं.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से इनपुट
इस शोध का निष्कर्ष का प्रकाशन Australian magazine 'Environmental Education'
में प्रकाशित हुआ है. इसमें कहा गया है कि 87 फीसदी बच्चे, जिन्होंने बचपन में बाहर खेला, उन्होंने युवा होने पर प्रकृति के प्रति अपना प्रेम प्रकट किया. समूह के 84 फीसदी प्रतिभागियों ने पर्यावरण की प्राथमिकता के तौर पर देखभाल करने की बात कही.
ब्रूम ने कहा, "अगली पीढ़ी में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और कार्रवाई के क्रम में इनके बचपन के अनुभवों का अध्ययन करना महत्वपूर्ण है." इस शोध के लिए दल ने 50 विश्वविद्यालय के छात्रों का साक्षात्कार लिया. इनकी आयु 18 से 25 साल रही. इस समूह की 100 फीसदी महिलाओं ने कहा कि वह प्रकृति से प्यार करती हैं और 87 फीसदी पुरुषों ने भी कहा कि वह प्रकृति से प्यार करते हैं.
शोधकर्ताओं ने कहा कि पर्यावरण जागरूकता के कार्यक्रम छोटे बच्चों में प्रकृति-प्रेम जगा सकते हैं.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से इनपुट
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