
Parenting Tips for kids Success: पहले जमाने में कहा जाता था कि बच्चे तो खेल खेल में पल गए. लेकिन नए दौर में बच्चों का पालन पोषण (Amazing Parenting Tips) करना किसी चुनौती से कम नहीं है. ऐसा दौर जहां मोबाइल और टीवी के बीच बच्चों के दिलो दिमाग पर कब्जा करने की होड़ है, ऐसे में बच्चों की सही पेरेंटिंग करना वाकई बड़ी बात है. देखा जाए तो बच्चे की ग्रूमिंग के लिए माता पिता को ही आगे आना होता है. माता पिता बच्चे की पढ़ाई, खेल कूद और फैमिली टाइम के बीच सही से शेड्यूलिंग (kids Scheduling time and Management))नहीं कर पाते हैं और ऐसे में बच्चे मोबाइल और टीवी में घुस जाते हैं. अगर माता पिता बच्चे के पूरे दिन का सही शेड्यूल (how to busy kids for Whole Day)बनाएं और उसे मोबाइल और टीवी के लिए छोटा सा वक्त दें तो बच्चे की सही ग्रूमिंग हो सकती है. चलिए ऐसे ही कुछ पेरेंटिंग टिप्स पर बात करते हैं.
बच्चों को बिजी रखना है जरूरी (keep your kids Busy)
मां बाप को चाहिए कि वो बच्चे के साथ समय बिताने के साथ साथ उन्हें इस तरह बिजी रखे कि मोबाइल की लत न लग पाए. मां बाप बच्चे के सामने अच्छे उदाहरण पेश करें क्योंकि बच्चा जो देखता है वही सीखता है. मां बाप को बच्चे के पूरे दिन को लेकर एक तय शेड्यूल बनाना चाहिए, ताकि वो बिजी रहे और दूसरी गलत चीजों के लिए उसके पास वक्त ही न रहे. ऐसे में बच्चा बिजी रहेगा और नई और अच्छी चीजों में उसका वक्त लगेगा. इससे बच्चे का फ्यूचर भी सुधरेगा और वो एक अनुशासन में भी रहेगा.
इस तरह करें बच्चे के दिन की शेड्यूलिंग (do scheduling of Kids day)
1. स्कूल से आने के बाद एक घंटा आराम
बच्चे आमतौर पर 12 से लेकर ढाई या तीन बजे तक स्कूल से घर लौट आते हैं. इसके बाद उन्हें आराम करने और लंच करने का समय दें. ये समय वो आपके साथ बातें करते हुए बिताएं तो बहुत अच्छा होगा. इस दौरान उनके स्कूल की, दोस्तों की,पढ़ाई की बातें करें. इस दौरान वो खाना खाकर थोड़ा आराम करेंगे तो उनको एनर्जी भी मिलेगी.
2. हॉबी और एक्टिविटी के लिए निकालें वक्त (make Time for Hobbies)
लंच के बाद बच्चे को किसी हॉबी या एक्टिविटी के लिए भेजना चाहिए. बच्चा बैडमिंटन, लॉन टेनिस, डांस, एरोबिक या अपनी पसंद के अनुसार कोई चीज चुनता है तो उसे प्रेरित करें. इसके बाद बच्चा अपनी हॉबी के लिए दो घंटे के लिए व्यस्त होगा.

3. शाम का समय ट्यूशन और पढ़ाई (Study Time)
हॉबी से लौटने के बाद बच्चे की पढ़ाई का समय शेड्यूल करना बेहतर होता है. इस दौरान बच्चे को ट्यूशन भेज सकते हैं या फिर घर पर ही पढ़ाई करवा सकते हैं.इस दौरान बच्चा होमवर्क और रिवीजन का भी काम कर सकता है. उसका ये वक्त केवल पढ़ाई के लिए शेड्यूल करने से उस पर स्कूल के काम का प्रेशर भी खत्म होगा और रिवीजन का भी वक्त मिलेगा.
4. रात के समय कुछ देर एंटरटेनमेंट (Entertainment)
रात के समय कुछ देर बच्चे को टीवी देखने देना खास बुरा नहीं है. घर में बच्चा जब टीवी देख रहा हो तो उसके साथ बैठिए. इस दौरान घर के बच्चे बड़े बूढ़ों के साथ टीवी देखकर समय बिता सकते हैं क्योंकि ये क्वालिटी फैमिली टाइम होता है.
5. रात को समय से सुलाना है जरूरी (Early Bedding)
अगले दिन बच्चे को समय पर स्कूल के लिए तभी उठा पाएंगे जब रात में उसे देर तक जागने की आदत न पड़ने दें. अपने बच्चों को रात दस बजे से पहले सोने की आदत डालें. बच्चों को विकास के लिए पर्याप्त नींद की जरूरत होती है, इसलिए उन्हें सात से आठ घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है. बच्चा अगर रात में जल्दी सो जाएगा तो सुबह जल्दी उठने में उसे कोई दिक्कत नहीं होगी.
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