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This Article is From Jan 23, 2017

वजन घटाने के लिए सर्जरी की जगह बेहतर ऑप्शन है इंट्रागैस्ट्रिक बैलून

वजन घटाने के लिए सर्जरी की जगह बेहतर ऑप्शन है इंट्रागैस्ट्रिक बैलून
नयी दिल्ली: मेडिकल टेक्नीक्स से मोटापे को कैसे कम किया जाए? क्या सही तरीका हो? इस बात को लेकर काफी कंफ्यूजन रहती है. लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि अगर वजन घटाने के लिए सर्जरी कराई जाए तो यह कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो सकती है, इसकी बजाय इंट्रागैस्ट्रिक बैलून वजन कम करने के इच्छुक लोगों के लिए एक बेहतर ऑप्शन है.

डॉक्टर्स का कहना है कि अगर इंट्रागैस्ट्रिक बैलून (माइक्रो सर्जरी से पेट के अंदर गुब्बारा रखना) के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ती है, तो यह मोटापे की समस्या से जूझ रही महिलाओं के बढ़ते मामलों के लिए सर्जरी की जगह एक समाधान बन सकता है. 

आपको बता दें कि इंट्रागैस्ट्रिक बैलून को सिलिकॉन गुब्बारे के नाम से भी जाना जाता है.

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डाइट कंट्रोल में हो तो कारगर साबित होता है इंट्रागैस्ट्रिक बैलून
अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के चीफ बायोमेट्रिक सर्जन आशीष भनोट ने कहा, "इंट्रागैस्ट्रिक बैलून वजन घटाने में काफी मददगार है. जब इसे व्यापक जीवनशैली और नियंत्रित आहार के साथ अपनाया जाता है, तो यह काफी प्रभावी हो जाता है. सामान्य तौर पर यह तरीका शरीर के कुल वजन का 15 से 20 फीसदी तक कम करने में मदद करता है."

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चीर-फाड़ का कोई झंझट भी नहीं
भनोट ने कहा कि महिलाओं द्वारा बेरियाट्रिक सर्जरी की जगह सिलिकॉन बैलून पसंद करने की एक अहम वजह इसमें न के बराबर चीर-फाड़ का होना है.

क्या होता है गैस्ट्रिक बैलून सिस्टम में
जानकारों के अनुसार गैस्ट्रिक बैलून को पेट में 6 से 12 महीने के लिए डाला जाता है. इसके लिए पहले छह महीने तक हर महीने डॉक्टर से मिलना होता है, इसके बाद दो महीनों में एक बार डॉक्टर के पास जाना पड़ता है.

न्‍यूज एजेंसी आईएएनएस से इनपुट

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