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This Article is From Jun 18, 2020

International Yoga Day: वजन घटाने के लिए सूर्य नमस्कार से करें शुरुआत, ऐसे सीखें सभी 12 मुद्राएं

मुद्राओं का यह क्रम एक पूर्ण अभ्यास है और शरीर के दर्द और बीमारियों में बहुत मदद करता है. सूर्य नमस्कार पांच के सेट में किया जाता है, लेकिन अगर पहली बार कर रहे हैं तो 2-3 से शुरू करें.

International Yoga Day: वजन घटाने के लिए सूर्य नमस्कार से करें शुरुआत, ऐसे सीखें सभी 12 मुद्राएं
इस तरह सीखें सूर्य नमस्कार की सभी 12 मुद्राएं.
नई दिल्ली:

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) अब कुछ ही दिन दूर है और ऐसे में अगर आप योग करने की सोच रहे हैं और यह समझ नहीं पा रहे हैं कि किस तरह से योग करना शुरू करें तो हम आपके लिए आसान योगासन लाए हैं. इनकी मदद से आप रोज योग करने की शुरुआत कर सकते हैं और वक्त के साथ इसमें बेहतर हो सकते हैं और अपनी बॉडी के साथ-साथ दिमाग को भी स्वस्थ रख सकते हैं. 

सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) दिन की शुरुआत करने के लिए एक अच्छा विकल्प है. साथ ही अगर आप योग करना शुरू कर रहे हैं तो आप इस योगाअन के साथ योग की अच्छी शुरुआत कर सकते हैं और हर सुबह फ्रेश स्टार्ट भी कर सकते हैं. 

मुद्राओं का यह क्रम एक पूर्ण अभ्यास है और शरीर के दर्द और बीमारियों में बहुत मदद करता है. सूर्य नमस्कार पांच के सेट में किया जाता है, लेकिन अगर पहली बार कर रहे हैं तो 2-3 से शुरू करें. हर बार जब आप इस क्रम में बढ़ते हैं, तो आपको शरीर की गति के साथ-साथ अपनी सांस को भी सिंक्रनाइज़ करना पड़ता है. इस प्रक्रिया को लय में आने में थोड़ा समय लगता है.

सुबह के वक्त क्यों करना चाहिए सूर्य नमस्कार?

सूर्य नमस्कार की मदद से आप सूरज के साथ अपने शरीर को इंटरनलाइज कर सकते हैं. सूर्य नमस्कार 12 पोज़ के साथ डिज़ाइन किया गया है जो बारह सूर्य चक्रों को आपके शारीरिक चक्रों के साथ तालमेल बनाने में मदद करता है.

सूर्य नमस्कार की 12 मुद्राएं

1. प्रणाम मुद्रा
सूर्य नमस्कार की शुरुआत प्रणाम मुद्रा के साथ होती है. इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाएं और अपने दोनों हाथों को कंधे के समानांतर उठाते हुए दोनों हथेलियों को ऊपर की ओर ले जाएं. हाथों के आगे के भागों को एक दूसरे से जोड़ लें और ऐसे ही सामने की तरफ ले आएं और फिर नीचे की ओर गोल घूमते हुए नमस्कार की मुद्रा में खड़े हो जाएं.

2. हस्त उत्तानासन
सांस अंदर लें और अपने हाथों को कानों से चिपकाते हुए ऊपर की ओर ले जाएं. इस बात का ध्यान रखें कि आप अपनी बॉडी को स्ट्रेच करें. पैरों की ऊंगलियों से लेकर हाथों की ऊंगलियों तक पूरे शरीर को स्ट्रेच करने की कोशिश करें.

3. पश्चमिमोत्तनासन
इस मुद्रा को करते वक्त हाथों को जमीन पर टिकाकर सांस लेते हुए दाहिन पैर को पीछे की तरफ ले जाएं. उसके बाद सीना आगे की तरफ खींचते हुए गर्दन को ऊपर उठाएं. आसन को करते वक्त अपनी कमर सीधी रखें.

4. अश्व संचालन आसन
इस मुद्रा को करते वक्त आपके पैर के पंजे ऊपर की तरफ रहने चाहिए. आसन करते वक्त अपने हाथों को जमीन पर टिकाते हुए दाहिने पैर को पीछे की तरफ ले जाएं. उसके बाद सीना आगे की तरफ खींचते हुए गर्दन को ऊपर उठाएं.

5. पर्वतासन
इस मुद्रा को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर पद्मासन में बैठ जाएं. सांस को बाहर निकालते हुए अपने बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं. ध्यान रहे कि आपके दोनों पैरों की एड़ियां आपस में जुड़ी हों. अब घुटनों के बल पर अपने शरीर को ऊपर उठाएं. अब शरीर को पीछे की तरफ खीचें और एड़ियों को जमीन पर मिलाकर गर्दन को झुका लें. 

6. अष्टांग नमस्कार
सबसे पहले साष्टांग दंडवत की मुद्रा में आ जाएं और सीने और ठोडी को जमीन पर लगा दें. अब अपनी जांघों को ऊपर की ओर उठाते हुए सांस छोड़ें. 

7. भुजंगासन
इस स्थिति में धीरे-धीरे सांस अंदर की तरफ लेते हुए हाथों के बल पर सीने को आगे की ओर खींचे और हाथों को सीधा कर लें. गर्दन को पीछे की ओर ले जाएं ताकि घुटने जमीने को छुएं और पंजे खड़े हो जाएं. 

8. पर्वतासन
अष्टांग नमस्कार जैसी मुद्रा बनाएं. इसमें धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपने दोनों पैरों की एड़ियों के मिलाएं. और हाथों को जमीन पर रखते हुए पहले प्लैंक पोज बनाएं. इसके बाद अपने हिप्स को ऊपर की तरफ खींचते हुए पर्वतासन करें. 

9. अश्व संचालन आसन
सांस छोड़ते हुए अपने पैरों को सीधा रखें और अपनी एड़ी को पीछे धकेलें. छाती को खींचकर आगे की ओर तानें. गर्दन को अधिक पीछे की ओर झुकाएं.

10. हस्तासन
वापस तीसरी स्थिति में आते हुए सांस धीरे-धीरे बाहर निकालते और आगे की ओर झुक जाएं. हाथ गर्दन और कानों से सटाएं और नीचे जमीन से छूते हुए पैरों के दाएं-बाएं होने चाहिए. ध्यान रहें कि इस मुद्रा के दौरान आपके घुटने सीधे रहें. 

11. हस्त उत्तानासन
यह मुद्रा दूसरी मुद्रा के समान है. सीधे खड़े होकर सांस अंदर लें  और दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं. अब हाथों को सर के पीछे की तरफ ले जाएं और गर्दन और कमर को भी पीछे की तरफ छुकाएं.

12. प्रणाम मुद्रा
पहली मुद्रा की तरह इस मुद्रा में भी सूर्य को हाथ जोड़कर नमस्कार करें. 

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