Papaya Side Effects : पपीता (Papaya) पेट के लिए रामबाण फल है. यह कई न्यूट्रिएंट्स का सोर्स है, जो शरीर की कई जरूरतों को पूरा करने का काम करता है. पपीते में एनर्जी के साथ ही फैट, फाइबर, (Fiber) कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, (Ptotein) कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, जिंक, मैंगनीज, कॉपर, सेलेनियम, विटामिन A, B, C, B6, E, फोलेट थायमिम, बीटा कैरोटिन और नियासिन जैसे तत्व पाए जाते हैं. पाचन को दुरुस्त रखने से लेकर वजन घटाने, हार्ट डिजीज, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, यहां तक की कैंसर में भी यह फायदा पहुंचा सकता है.पपीता खाने से इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग होती है लेकिन आयुर्वेद कहता है कि कुछ बीमारियों में भूलकर भी पपीता नहीं खाना चाहिए. क्योंकि ऐसी स्थिति में पपीता फायद नहीं नुकसान (Papaya Side Effects) भी पहुंचा सकता है.
सफर में उल्टी आने के डर से आप भी साथ लेकर चलते हैं पॉलिथीन, यह रामबाण देसी नुस्खा अपनाइएआयुर्वेद से जानें पपीता के साइड इफेक्ट्स...(Side effects of papaya known in Ayurveda)रोज पपीता खाने से बिगड़ सकता है पाचन
आयुर्वेद के अनुसार, अगर आप रोज-रोज पपीता खाते हैं तो यह पेट को कमजोर बना देता है. इससे पाचन बिगड़ सकता है. पपीता को रोजाना खाने से आप बीमार पड़ सकते हैं. इसलिए हफ्ते में एक या दो बार ही पपीता खाना सेहत के लिए ठीक होता है.
डायरिया कर सकता है परेशान
अगर आप अपना पाचन दुरुस्त करने के लिए रोजाना पपीते का सेवन करते हैं तो आपको डायरिया का शिकार बना सकता है. आयुर्वेद हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, पपीता रोज खाने से डायरिया जैसी बीमारियों की समस्या भी हो सकती है.
प्रेग्नेंसी में न खाएं पपीता
ऐसी महिलाएं जो प्रेग्नेंट हैं, उन्हें पपीते को न खाने की सलाह दी जाती है. रोजाना पपीता खाना गर्भपात की वजह भी बन सकती है. कई रिसर्च में भी इसका पता चला है कि घर प्रेग्नेंसी के दौरान महिला पपीता खाते है तो पेट में बच्चे को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है.
एलर्जी की वजह बन सकता है पपीता
आयुर्वेद एक्सपर्ट के अनुसार, पपीता का रोजाना सेवन करते हैं तो एलर्जी की समस्या हो सकती है. सूजन,सिर दर्द, स्किन में खुजली आपको परेशान कर सकती है. बताया जाता है कि पपीते के ऊपरी हिस्से में लेटकस नाम का सूखा पदार्थ होता है, जो एलर्जी को बढ़ाने का काम कर सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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