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This Article is From Nov 19, 2021

Happy International Men’s Day 2021: जानिए इस बार की थीम और पुरुषों से जुड़ी कुछ रोचक बातें, इन सेलिब्रिटीज ने दीं शुभकामनाएं

International Mens Day 2021: क्या आपको पता है कि 'इंटरनेशनल मेन्स डे' हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है और यह दुनिया के तकरीबन 60 से अधिक देशों में मनाया जाता है. इस मौके पर आज इन सेलिब्रिटीज ने दीं शुभकामनाएं.

Happy International Men’s Day 2021: जानिए इस बार की थीम और पुरुषों से जुड़ी कुछ रोचक बातें, इन सेलिब्रिटीज ने दीं शुभकामनाएं
Happy International Men’s Day 2021: अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस, जानें क्या है इसका इतिहास और थीम
नई दिल्ली:

Why We Celebrate International Men's Day: भारत में पहली बार 19 नवंबर, 2007 में 'अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस' (International Mens Day) मनाया गया. दरअसल, पहले से ही इस दिन को मनाने के पीछे एक बड़ा कारण लैंगिक समानता को बढ़ावा देना भी था. आज पुरुषों के अधिकारों, स्वास्थ्य, पुरुषत्व के सकारात्मक गुणों की सराहना, लैंगिक समानता के लिए देश-विदेश के कई कोनों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं.  कहा जाता है कि भारत पुरुष प्रधान देश है और यहां महिला दिवस की तर्ज पर मर्दों के लिए ऐसे किसी खास दिन को सेलिब्रेट करने की जरूरत नहीं है, लेकिन ऐसा नहीं है, पुरुषों की भी अपनी ऐसी समस्याएं हैं, जिनसे उन्हें जूझना पड़ता है. कई केसों में घरेलू हिंसा के शिकार पुरुष भी हैं, इन्हीं सारी बातों को देखते हुए महिला दिवस के साथ-साथ पुरुष दिवस भी मनाने की जरूरत महसूस की गई, इसके बाद से भारत में भी पुरुष दिवस को भी मनाया जाने लगा. इस मौके पर आज इन सेलिब्रिटीज ने दीं शुभकामनाएं. जानिए इस दिन का इतिहास व पुरुषों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य.

इन सेलिब्रिटीज ने दीं शुभकामनाएं (These celebrities wished)

अर्चना पूरन सिंह (Archana Puran Singh) ने कू (Koo App) किया, 'हैप्पी मेंस डे. कौन कहता है मर्द को दर्द नहीं होता ? मेरे पति और मेरे दोनों बेटे सेंसिटिव और कोमल दिल इंसान हैंm जिन्हें आंसू बहाने से डर नहीं लगता. इससे मेरी नज़र में उनके लिए इज्जत और प्यार दोनों, और भी बढ़ते हैं.❤ #MensDay #KooOfTheDay #KooKiyaKya #Koo.'

श्रद्धा कपूर ने भी (Shraddha Kapoor) कू (Koo App) किया, 'असली मर्द होने का मतलब है अपनी गलितयों का सामना करना, लोगों को माफ़ करना सीखना, प्यार करना सीखना और उनकी मदद करना जिन्हें आपकी ज़रूरत है..मुझे गर्व है आप पर. अंतराष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुभकामनाएं!'

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास (International Men's Day History)

साल 1923 में कुछ पुरुषों ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की तर्ज पर 23 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाए जाने की मांग की थी, जिसके बाद 1968 में अमेरिकन जर्नलिस्ट जॉन पी. हैरिस ने एक आर्टिकल लिखते हुए कहा था कि सोवियत प्रणाली में संतुलन की कमी है. यह प्रणाली महिलाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाती है, लेकिन पुरुषों के लिए वो किसी प्रकार का दिन नहीं मनाती. इसके बाद 19 नवंबर 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों द्वारा पहली बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया. वहीं, 'अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस' के बारे में जागरूकता लाने में एडवोकेट उमा चल्ला का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है. 2007 में उन्होंने उन घिनौने दुर्व्यवहारों के बारे में जागरूकता बढ़ाई, जो पुरुष विरोधी कानूनी व्यवस्था में पीड़ित हैं.

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की थीम (International Men's Day 2021 Theme)

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस 2021 की थीम 'Better relations between men and women' रखी गई है. वहीं पिछले साल 2020 की थीम का विषय 'Better Health for Men and Boys' रखा गया है. इस थीम का मकसद उन पुरुषों और लड़कों को महत्व देने और मदद करने पर ध्यान केंद्रित करता है, जो विश्व स्तर पर पुरुषों और लड़कों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए काम और सुधार कर रहे हैं.

पुरुषों के बारे में कुछ रोचक तथ्य (Intresting Facts about Men's)

  • महिलाओं के प्रति पुरूषों का आकर्षण कॉमन बात है, लेकिन पुरुष अपने पूरे जीवन में से एक साल महिलाओं को देखने में ही बीता देते हैं.
  • कहा जाता है कि महिलाएं खासी बातूनी होती हैं, लेकिन मर्द भी कम नहीं होते, कहते हैं कि पुरुष भी एक दिन में औसतन 2,000 शब्द बोलते हैं.
  • पुरुष ठंडे तापमान के प्रति कम संवेदनशील होते हैं.
  • महिलाओं के वजन के विपरीत पुरुषों के शरीर का सारा मोटापा उनके पेट पर आकर जमा होता है.

पुरुष दिवस मनाने के मुख्य उद्देश्य (International Men's Day 2021)

  • पुरुष रोल मॉडल को बढ़ावा देना.
  • समाज, समुदाय, परिवार, विवाह, बच्चों की देखभाल और पर्यावरण के लिए पुरुषों के सकारात्मक योगदान का जश्न मनाना.
  • पुरुषों के स्वास्थ्य और भलाई पर ध्यान केंद्रित करना; सामाजिक, भावनात्मक, शारीरिक और आध्यात्मिक तौर पर.
  • पुरुषों के खिलाफ भेदभाव को उजागर करना.
  • लिंग संबंधों में सुधार और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना.
  • एक सुरक्षित, बेहतर दुनिया बनाना.

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