प्रतीकात्मक तस्वीर
पैचअप, ब्रेकअप, शॉपिंग, मेकअप...एक लड़की के लिए हर काम और हर मौके के लिए सूटेबल फ्रेंड लिस्ट तैयार रहता है। लेकिन वे इनमें से 5 तरह के दोस्तों के साथ सबसे ज्यादा वक्त बिताना पसंद करती हैं-
1.फ्रेंड फॉरेवर
नाइट आउट करना हो, या सीक्रेट शेयर करनी हो, परीक्षा की एक रात पहले चैप्टर समझना हो या दिल टूटने पर रोना हो, हर लड़की के जीवन में एक सहेली ऐसी होती ही है जो उसके सबसे करीब होती है और जिससे वो अपने ‘मन की बात’ शेयर करती हैं। खास बात ये कि ये वाली सहेली पति या ब्वॉयफ्रेंड से भी ज्यादा विश्वासपात्र होती हैं।
2.शॉपिंग बडी
कौन सी ड्रेस उनपर अच्छी लग रही है और कौन सी नहीं, ये जानने के लिए एक लड़की अक्सर किसी सहेली को साथ ले जाती है। ये वो सहेली होती है जिसे लेटेस्ट फैशन, कलेक्शन और सेल की अच्छी खासी अपडेट जानकारी होती है। कई केस में तो ऐसी शॉपिंग बडीज़ की अच्छी खासी तादाद होती है और फिर ये जमात में शॉपिंग करने निकलतीं हैं।
3.शादीशुदा दोस्त
ब्वॉयफ्रेंड को रिझाने के तरीके, टाइम मैनेजमेंट टिप्स, सब्र करने का महत्व और घर बार संभालने संबंधी ट्यूशन के लिए लड़कियां उन सहेलियों के पास जाती हैं जिनकी शादी हो चुकी है या जिनके बच्चे भी हो चुके हैं। परिवार संभालने के टिप्स लड़कियों को बचपन से घुट्टी की तरह पिलाई जाती है, लेकिन इस टॉपिक पर विस्तृत जानकारी चाहिए तो लड़कियां इन्हें प्रेफर करती हैं।
4. खबरी दोस्त
किसका चक्कर किससे चल रहा है, ऑफिस में मैनेजमेंट क्या नया फैसला लेने वाला है या आपके एक्स ब्वॉयफ्रेंड की रिलेशनशिप स्टेटस क्या है, अंदरखाने की बात जाननी हो या दिनभर बैठकर गॉसिप या पड़ोस वाली आंटी की पीठ पीछे बुराई करनी हो, लड़कियां अपने खबरी दोस्त के पास ज़रूर जाती हैं। अब ये तो सब जानते हैं कि लड़कियों को दूसरों की ज़िंदगी के बारे में जानने और गॉसिप करने में कितना अच्छा लगता है। जाहिर है, ऐसी सहेलियों का उनके फ्रेंड लिस्ट में बने रहना तो बनता है।
5. ‘समांथा टाइप’ दोस्त
जुगाड़ू, बिंदास और बिना किसी रोक टोक की अपनी मर्जी का काम करने वाली सहेली ‘समांथा टाइप’ सहेली की कैटेगरी में आती हैं। फिल्म ‘सेक्स एंड द सिटी’ की समांथा से ये काफी मेल खाती हैं। जब भी लड़कियां किसी आउटिंग पर जाती हैं, या फन टाइम बिताना चाहती हैं, वे ऐसी ही सहेली की ओर रुख करती हैं।
अब अगर किसी लड़की की फ्रेंड लिस्ट में जगह बनानी हो, तो इनमें से किसी एक कैटेगरी में खुद को फिट कर लीजिये। याद रखें, यहां ‘जैक ऑफ ऑल ट्रेड’ से ज्यादा तवज्जो ‘मास्टर ऑफ वन’ यानी किसी एक काम में पारंगत दोस्तों को दी जाती है।
1.फ्रेंड फॉरेवर
नाइट आउट करना हो, या सीक्रेट शेयर करनी हो, परीक्षा की एक रात पहले चैप्टर समझना हो या दिल टूटने पर रोना हो, हर लड़की के जीवन में एक सहेली ऐसी होती ही है जो उसके सबसे करीब होती है और जिससे वो अपने ‘मन की बात’ शेयर करती हैं। खास बात ये कि ये वाली सहेली पति या ब्वॉयफ्रेंड से भी ज्यादा विश्वासपात्र होती हैं।
2.शॉपिंग बडी
कौन सी ड्रेस उनपर अच्छी लग रही है और कौन सी नहीं, ये जानने के लिए एक लड़की अक्सर किसी सहेली को साथ ले जाती है। ये वो सहेली होती है जिसे लेटेस्ट फैशन, कलेक्शन और सेल की अच्छी खासी अपडेट जानकारी होती है। कई केस में तो ऐसी शॉपिंग बडीज़ की अच्छी खासी तादाद होती है और फिर ये जमात में शॉपिंग करने निकलतीं हैं।
3.शादीशुदा दोस्त
ब्वॉयफ्रेंड को रिझाने के तरीके, टाइम मैनेजमेंट टिप्स, सब्र करने का महत्व और घर बार संभालने संबंधी ट्यूशन के लिए लड़कियां उन सहेलियों के पास जाती हैं जिनकी शादी हो चुकी है या जिनके बच्चे भी हो चुके हैं। परिवार संभालने के टिप्स लड़कियों को बचपन से घुट्टी की तरह पिलाई जाती है, लेकिन इस टॉपिक पर विस्तृत जानकारी चाहिए तो लड़कियां इन्हें प्रेफर करती हैं।
4. खबरी दोस्त
किसका चक्कर किससे चल रहा है, ऑफिस में मैनेजमेंट क्या नया फैसला लेने वाला है या आपके एक्स ब्वॉयफ्रेंड की रिलेशनशिप स्टेटस क्या है, अंदरखाने की बात जाननी हो या दिनभर बैठकर गॉसिप या पड़ोस वाली आंटी की पीठ पीछे बुराई करनी हो, लड़कियां अपने खबरी दोस्त के पास ज़रूर जाती हैं। अब ये तो सब जानते हैं कि लड़कियों को दूसरों की ज़िंदगी के बारे में जानने और गॉसिप करने में कितना अच्छा लगता है। जाहिर है, ऐसी सहेलियों का उनके फ्रेंड लिस्ट में बने रहना तो बनता है।
5. ‘समांथा टाइप’ दोस्त
जुगाड़ू, बिंदास और बिना किसी रोक टोक की अपनी मर्जी का काम करने वाली सहेली ‘समांथा टाइप’ सहेली की कैटेगरी में आती हैं। फिल्म ‘सेक्स एंड द सिटी’ की समांथा से ये काफी मेल खाती हैं। जब भी लड़कियां किसी आउटिंग पर जाती हैं, या फन टाइम बिताना चाहती हैं, वे ऐसी ही सहेली की ओर रुख करती हैं।
अब अगर किसी लड़की की फ्रेंड लिस्ट में जगह बनानी हो, तो इनमें से किसी एक कैटेगरी में खुद को फिट कर लीजिये। याद रखें, यहां ‘जैक ऑफ ऑल ट्रेड’ से ज्यादा तवज्जो ‘मास्टर ऑफ वन’ यानी किसी एक काम में पारंगत दोस्तों को दी जाती है।
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