मछली का सेवन बच्चों का आईक्यू बढ़ाने में मददगार
नई दिल्ली:
सभी मां-बाप चाहते हैं कि उनके बच्चे हमेशा आगे रहें. सभी परीक्षाओं में अव्वल आएं, खेल-कूद में मेडल जीतें. बच्चों को इस लेवल तक पहुंचाने के लिए उनके खाने-पीने का बहुत ज़्यादा ध्यान रखा जाता है. उन्हें सभी ज़रूरी विटामिन्स और प्रोटीन्स को सही मात्रा में दिया जाता है. तब जाकर बच्चों का दिमाग तेज़ और शरीर फुर्तिला होता है.
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अगर आप भी अपने बच्चों को इन लेवल तक लाना चाहते हैं तो उनकी डाइट में मछली शामिल करें. जी हां. हाल ही में हुई रिसर्च में यह पाया गया कि बच्चों के मछली नहीं खाने वाले या कभी-कभी खाने वाले बच्चों की तुलना में सप्ताह में एक बार मछली खाने वाले बच्चे अच्छी नींद लेते हैं और उनका आईक्यू औसत की तुलना में चार अंक ज्यादा होता है.
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जिन बच्चों के भोजन में मछली कभी-कभी शामिल होती है उनमें यह स्कोर 3.3 अंक ज्यादा होता है. इसके अतिरिक्त ज्यादा मछली का सेवन कुछ नींद संबंधी दिक्कतों से जुड़ा है, जिसके बारे में शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे बेहतर नींद आती है.
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पहले के शोध बताते हैं कि यह ओमेगा-3 एस से जुड़ा हुआ है. ओमेगा-3 एस कई तरह की मछलियों में पाया जाता है. इससे बुद्धिमत्ता में सुधार होता है साथ ही यह बेहतर नींद लाने में कारगर है.
पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एड्रियन राने ने कहा, "नींद की कमी असामाजिक व्यवहार से जुड़ी है. हमने पाया है कि यह ओमेगा-3 असामाजिक व्यवहार को घटाता है, इसके लिए मछली जिम्मेदार है."
INPUT - IANS
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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पहले के शोध बताते हैं कि यह ओमेगा-3 एस से जुड़ा हुआ है. ओमेगा-3 एस कई तरह की मछलियों में पाया जाता है. इससे बुद्धिमत्ता में सुधार होता है साथ ही यह बेहतर नींद लाने में कारगर है.
पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एड्रियन राने ने कहा, "नींद की कमी असामाजिक व्यवहार से जुड़ी है. हमने पाया है कि यह ओमेगा-3 असामाजिक व्यवहार को घटाता है, इसके लिए मछली जिम्मेदार है."
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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