अब डायबिटीज की दवा ही आपका मोटापा कम करने में भी मददगार साबित होगी. जी हां एक शोध के अनुसार डायबिटीज की एक दवा मोटापे को कम करने में सहायक साबित हुई है. शोध के अनुसार यह दवा उस यौगिक की तरह काम करती है, जो भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन के अनुसार सक्रिय होता है. यानि यह दवा आपकी भूख को नियंत्रण में रखने में मदद करेगी. शोधकर्ताओं ने बताया कि सेमाग्लूटाइड की रासायनिक संरचना शरीर में इंसुलिन का स्राव करने वाले तथा भूख को नियंत्रित करने वाले 'ग्लूकागन लाइक पेप्टाइड-1' (GLP-1) हार्मोन से काफी मिलती है.
कार्लेस्टन में साउथ कैरोलिना मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और शोध के मुख्य लेखक पैट्रिक एम. ओ नील ने कहा, वजन कम करने के एक अध्ययन में ऐसे मोटे लोगों को सेमाग्लूटाइड दिया गया, जिन्हें मधुमेह की शिकायत नहीं थी. इस दौरान चमत्कारिक रूप से किसी दवाई की सहायता से पहली बार सबसे ज्यादा वजन कम हुआ. इस शोध के लिए 957 लोगों को चुना गया था, जिनमें 35 फीसदी पुरुष थे.
शोध में शामिल लोगों को 7 ग्रुप्स में बांटा गया था, जिनमें 5 ग्रुप्स को अलग-अलग मात्रा में सेमाग्लूटाइड दिया गया. छठे ग्रुप को प्लेसबो और सातवें में प्रति व्यक्ति 3 मिलीग्राम डायबीटीज की दवा लिराग्लूटाइड दी गई. 1 साल बाद सेमाग्लूटाइड लेने वालों का वजन प्लेसबो लेने वालों की तुलना में तेजी से कम हुआ. जिसने सेमाग्लूटाइट की ज्यादा मात्रा ग्रहण की, उनका वजन भी ज्यादा कम हुआ. लिराग्लूटाइड लेने वालों में उनके शरीर का 7.8% वजन कम हुआ, जबकि प्लेसबो लेने वाले ग्रुप का वजन मात्र 2.3% कम हुआ.
कार्लेस्टन में साउथ कैरोलिना मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और शोध के मुख्य लेखक पैट्रिक एम. ओ नील ने कहा, वजन कम करने के एक अध्ययन में ऐसे मोटे लोगों को सेमाग्लूटाइड दिया गया, जिन्हें मधुमेह की शिकायत नहीं थी. इस दौरान चमत्कारिक रूप से किसी दवाई की सहायता से पहली बार सबसे ज्यादा वजन कम हुआ. इस शोध के लिए 957 लोगों को चुना गया था, जिनमें 35 फीसदी पुरुष थे.
शोध में शामिल लोगों को 7 ग्रुप्स में बांटा गया था, जिनमें 5 ग्रुप्स को अलग-अलग मात्रा में सेमाग्लूटाइड दिया गया. छठे ग्रुप को प्लेसबो और सातवें में प्रति व्यक्ति 3 मिलीग्राम डायबीटीज की दवा लिराग्लूटाइड दी गई. 1 साल बाद सेमाग्लूटाइड लेने वालों का वजन प्लेसबो लेने वालों की तुलना में तेजी से कम हुआ. जिसने सेमाग्लूटाइट की ज्यादा मात्रा ग्रहण की, उनका वजन भी ज्यादा कम हुआ. लिराग्लूटाइड लेने वालों में उनके शरीर का 7.8% वजन कम हुआ, जबकि प्लेसबो लेने वाले ग्रुप का वजन मात्र 2.3% कम हुआ.
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