लॉकडाउन से एक दिन पहले ग्राहक ने दिखाई दरियादिली, रेस्‍टोरेंट में दे दी 7.5 लाख रुपये की टिप

रेस्‍टोरेंट का नाम स्किलेट्स है और उसके मालिक ने खुलासा किया कि ग्राहक ने मैनेजर के हाथ में कैश देते हुए कहा था कि पूरे स्‍टाफ में पैसों को बराबर-बराबर बांट दिया जाए.

लॉकडाउन से एक दिन पहले ग्राहक ने दिखाई दरियादिली, रेस्‍टोरेंट में दे दी 7.5 लाख रुपये की टिप

प्रतीकात्‍मक फोटो

नई दिल्ली:

कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप के बीच कई देशों में या तो लॉकडाउन कर दिया है या ऐसा करने की तैयारी है. ऐसे में सबसे ज्‍यादा परेशानी किसी के लिए पैदा हो गई है तो वह हैं रोज कमाकर खाने वाले लोग. हालांकि, मदद के लिए कई लोग सामने आए हैं ताकि जब तक लॉकडाउन खत्‍म नहीं हो जाता उनकी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी हो सकें. 

ऐसा ही कुछ एक अनाम ग्राहक ने कर दिखाया जिसने फ्लोरिडा के रेस्‍टोरेंट के स्‍टाफ को 10 हजार अमेरिकी डॉलर यानी कि करीब 7.5 लाख रुपये की टिप दे डाली. हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स की खबर के मुताबिक, यह घटना राज्‍य के मेयर ने जिस दिन लॉकडाउन का ऐलान किया था उससे एक दिन पहले की है.

रेस्‍टोरेंट का नाम स्किलेट्स है और उसके मालिक ने खुलासा किया कि ग्राहक ने मैनेजर के हाथ में कैश देते हुए कहा था कि पूरे स्‍टाफ में पैसों को बराबर-बराबर बांट दिया जाए. 

आपको बता दें कि स्किलेट्स में कुल 20 कर्मचारी काम करते हैं और इस हिसाब से हर एक के हिस्‍से में 500 अमेरिकी डॉलर यानी कि 37 हजार 500 रुपये आए. 

एनबीसी के मुताबिक, रेस्‍टोरेंट के मालिक ने ग्राहक के बारे में बात करते हुए कहा, "हमारे कई रेग्‍यूलर ग्राहक हैं जो यहां सालों से आ रहे हैं, वे हमारे दोस्‍त हैं, लेकिन हमें हमेशा उनके नाम पता नहीं होते हैं. हम उनके चेहरे पहचानते हैं, उनके ऑर्डर पहचानते हैं. हमें पता है कि उनकी फेवरेट टेबल कौन सी है, लेकिन हमें ये नहीं पता होता कि वो वास्‍तव में हैं कौन." 

हालांकि, सिर्फ इस अनाम ग्राहक ने ही स्किलेट्स के कर्मचारियें का दिल नहीं जीता है. दूसरे ग्राहकों ने भी लॉकडाउन से पहले रेस्‍टोरेंट स्‍टाफ को टिप के रूप में बड़ी रकम दी. 

कोरोनावायरस की वजह से पैसों में आई कमी के चलते स्किलेट्स को मजबूरन अपने 90 फीसदी स्‍टाफ को नौकरी से निकालना पड़ा. राज्‍य के सभी रेस्‍टारेंट्स को लॉकडाउन तक बंद रहने के लिए कहा गया है. 

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बहरहाल, हम तो यही कहेंगे कि संकट की इस घड़ी में मानवता ही मानवता को बचा सकती है.