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This Article is From Apr 15, 2020

इस लड़की को हो गया था कोरोनावायरस, कहा- "न कुछ सूंघ पाती थी और न चख पाती थी"

सुमिति ने कहा, ''जब घर आने के बाद मुझे हल्का बुखार हुआ तो मैंने खुद को अपने कमरे में आइसोलेट कर लिया''.

इस लड़की को हो गया था कोरोनावायरस, कहा- "न कुछ सूंघ पाती थी और न चख पाती थी"
सुमिति अहमदाबाद में कोरोनावायरस की दूसरी मरीज थीं.
नई दिल्ली:

अहमदाबाद (Ahemdabad) की दूसरी कोरोनावायरस पॉजिटिव (Coronavirus +ve) मरीज सुमिति सिंह (Sumiti Singh) ने हाल ही में ह्यूमन्स ऑफ बोम्बे को दिए एक इंटरव्यू में इस बीमारी को लेकर बात की. सुमिति सिंह कुछ वक्त पहले ही फिनलैंड से लौटी थीं और वापस आने के कुछ दिन बाद ही उन्हें बुखार हो गया और बिना कोई लापरवाही किए उन्होंने खुद को घर में अलग से क्वारंटाइन कर लिया. 

सुमिति ने कहा, ''जब घर आने के बाद मुझे हल्का बुखार हुआ तो मैंने खुद को अपने कमरे में आइसोलेट कर लिया''. हालांकि, उन्होंने ह्यूमन्स ऑफ बोम्बे को इससे पहले बताया था कि अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने हर तरह की सावधानी बरती थी लेकिन इसके बाद भी उन्हें कोरोनावायरस हो गया. उन्होंने कहा, ''शुरुआत में मेरे डॉक्टर को लगा कि अचानक टैम्परेचर में बदलाव होने के कारण मुझे बुखार हुआ है लेकिन मैंने किसी तरह का रिस्क नहीं लिया''.

सुमिति ने खुद को अपने घर के कमरे में आइसोलेट कर लिया, जहां घर के किसी भी सदस्य को आने की अनुमति नहीं थी. यहां तक कि उनके कमरे के बाहर एक टेबल रखा था, जहां उनका खाना रख दिया जाता था और वह खाना खाने के बाद बर्तन धो कर वापस उस टेबल पर रख देती थीं. हालांकि, कुछ ही दिनों में बीमारी के लक्षण बढ़ने लगे. 

सुमिति ने कहा, ''मुझे अचानक खांसी हो गई और सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी. इसके बाद मैं अस्पताल गई और टेस्ट कराने के दो दिन बाद पता चला कि मुझे कोरोनावायरस है और मैं अहमदाबाद में इसकी दूसरी मरीज हूं''. उन्होंने आगे कहा, ''मैं उस वक्त काफी डर गई थी क्योंकि अपनी यात्रा के दौरान मैंने हर तरह से सावधानी बरती थी और मैं अधिक चिंतित अपने परिवार को लेकर थी''. 

अस्पताल में किए गए इलाज की बात करते हुए सुमिति ने कहा, ''शुरुआत के दो दिन तक मैं काफी डरी हुई थी लेकिन फिर डॉक्टर्स और नर्स मेरे सुपरहीरो बन कर आए. यहां तक कि मुझे किसी भी चीज का टेस्ट महसूस नहीं हो रहा था और न ही मैं कुछ सूंघ पा रही थी लेकिन डॉक्टर्स और नर्स मुझे हर 2 घंटों में मॉनिटर कर रहे थे और मेरा काफी ध्यान रख रहे थे.''

इसके 11 दिन बाद सुमिति का दो बार कोरोनावायरस का टेस्ट किया गया और टेस्ट के नेगेटिव आने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई. उन्होंने कहा, ''अस्पताल से डिसचार्ज होने के बाद जब मैं अपनी सोसाइटी पहुंची तो वहां मेरे परिवार के साथ सोसाइटी के दूसरे लोगों ने भी तालियां बजा कर मेरा स्वागत किया''. 

यहां पढ़ें सुमिति का पूरा इंटरव्यू:

“The COVID-19 outbreak had barely begun when I left to see the Northern Lights. Still, I took every precaution. I wore N99 masks, sanitized every surface I touched & avoided contact. At the time, I looked ‘paranoid' as one of the few even wearing a mask. ⁣ But, I came back to no hugs from the family. A pandemic had been declared. Days later, when I got a fever with chills, I isolated in my room. At first the doctor thought it was because of the temperature change & prescribed antibiotics. But I didn't risk it. Food was served to me on a table outside my room & I'd return the utensils only after I'd washed them. I didn't step outside or let anyone in. ⁣ But the symptoms got worse–I felt a tightness in my chest & had a cough. I didn't want to take a chance & went to the hospital to get tested. Then I had to wait. I was optimistic; the doctors also felt I'd test negative. But 2 days later, I was told I was the 2nd positive patient in Ahmedabad–my heart sank.⁣ I'd taken every precaution there was. I was terrified–what if I'd infected my family? But there was no time to think. Within 1 hour, doctors had my treatment plans ready while my house was fumigated & my family was put into quarantine by AMC officials. Everything happened so fast. ⁣ The first 2 days were scary. On top of all the symptoms, I couldn't smell or taste anything. But the doctors & nurses were my superheroes. They took fabulous care of me; they didn't behave distantly or with fear. One doctor even told me that for her birthday all she wanted was a negative test from me so I had to drink more water! ⁣ I began reading survivor stories for motivation & shared my experience online; people who'd looked at me with fear began sending me love. After 11 days, I tested negative twice & was discharged.⁣ That day, I entered my gates to see my family & society clapping & cheering for me. The past 3 weeks have been a rollercoaster to say the least; I went to Finland & overcame a potentially deadly disease. But that's how unpredictable life can be. So, I've got to savour every moment now–right from soaking in the sun to feeling the grass beneath my feet. But most importantly, a hug from my parents.”

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