Children's Day 2023: भारत में हर साल 14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) का जन्मदिवस भी मनाया जाता है. पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बेहद प्रेम था जिस चलते बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर संबोंधित करते थे. पहले बाल दिवस भारत में 20 नवंबर के दिन मनाया जाता था, परंतु साल 1964 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद उनके जन्मदिवस को बाल दिवस घोषित कर दिया गया. इस दिन का मकसद बच्चों की सेहत और सुरक्षा को बढ़ावा देना भी है.
बाल दिवस मनाने का महत्व बच्चों से जुड़ा है. बच्चों को सही शिक्षा मिले, पोषण मिले, उन्हें एक अच्छा बचपन मिले और अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने के मौके मिलें यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाता है. इसके लिए हर साल बाल दिवस पर स्कूलों में खासतौर से विभिन्न प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं. बच्चे इस दिन अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं. उनके लिए अलग-अलग प्रतियोगिताएं (Competitions) करवाई जाती हैं, बच्चों को नाचने, गाने और भाषण देने का मौका मिलता है. कथा लेखन, निबंध लेखन और कविता लेखन के साथ ही कविता सुनाने का मौका भी बच्चों को दिया जाता है. स्कूल में मिलने वाली खाने-पीने की चीजें भी इस दिन बच्चों को खूब पसंद आती हैं.
हर साल 14 नवंबर का दिन बच्चों के लिए यादगार दिन बन जाता है. इस दिन वे अपनी सोशल स्किल्स को निखार पाते हैं और खेलों व समारोह में जी-जान लगाकर परफॉर्म करते हैं. स्कूलों के अलावा कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों में भी बाल दिवस का आयोजन होता है.
जवाहरलाल नेहरू बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देते थे जिस चलते उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी (IITs), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIMs) की स्थापना पर जोर दिया था. इसके अतिरिक्त पंडित जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि बच्चों को अच्छी शिक्षा और बचपन मिले क्योंकि वे ही हमारा आने वाला कल हैं और उनके कंधों पर ही देश की जिम्मेदारी है.
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