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This Article is From Dec 02, 2021

Benefits Of Neem: जानिए मीठे और कड़वे नीम के बेहतरीन लाभ

नीम में छिपे गुणों का लाभ उठाने के लिए इसके बारे में जानना जरूरी है. भारतीय वेदों में नीम का नाम सर्व रोग निवारणी रखा गया है, जिसका अर्थ होता है 'सभी बीमारियों को रोकने वाला'. एंटीबायोटिक तत्वों से भरपूर नीम को सर्वोच्च औषधि के रूप में भी जाना जाता है. आइये जानते हैं इसके सेवन से शरीर को हाने वाले फायदे.

Benefits Of Neem: जानिए मीठे और कड़वे नीम के बेहतरीन लाभ
Benefits Of Neem: आयुर्वेद में नीम को माना गया है सर्व रोग निवारक जड़ी-बूटी
नई दिल्ली:

एंटीबायोटिक तत्वों से भरपूर नीम को सर्वोच्च औषधि के रूप में जाना जाता है. मीठा नीम जिसकी ताजा पत्तियों में एक अलग ही खुशबू होती है, जो खाने के स्वाद को तो बढ़ाती ही है. वहीं सेहत को कई लाभ भी पहुंचाती है. यह स्वाद में भले ही कड़वी हो, लेकिन इससे होने वाले लाभ अमृत के समान माना जाता है. नीम में छिपे गुणों का लाभ उठाने के लिए इसके बारे में जानना जरूरी है. यह जहां होता है, अपने आसपास के माहौल को शुद्ध और हमारी सेहत के अनुकूल बनाए रखता है. इसकी पत्तियां, टहनियां हमारी अनेक बीमारियों को दूर करने में दवा का काम करती हैं.

भारतीय वेदों में नीम का नाम सर्व रोग निवारणी रखा गया है, जिसका अर्थ होता है 'सभी बीमारियों को रोकने वाला'. खास बात यह है कि इन पत्तियों का उपयोग करी तैयार करने में, चटनी और सॉस तैयार करने में, इसके साथ ही सांभर तैयार करने में मुख्य रूप से किया जाता है. नीम दो किस्म का होता है, मीठा नीम और कड़वा नीम. दोनों में ही औषधीय गुण पाए जाते हैं, लेकिन कड़वे नीम के फायदे बहुत है और इसका इस्तेमाल औषधि निर्माण में ज्यादा होता है. आधुनिक शोधों व अनुसंधानों ने सिद्ध कर दिया है कि नीम के औषधीय उपयोग और गुण हैं, जिनका कोई जवाब नहीं है.

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Photo Credit: iStock

जानिए नीम खाने के फायदे (Benefits Of Eating Neem)

नीम के फायदे बालों के लिए बहुत ही लाभकारी है. बाल झड़ने से लेकर बालों के असमय पकने जैसी बालों की समस्याओं में इसका प्रयोग किया जा सकता है. नीम के पत्तों को पानी में अच्छी तरह उबालकर ठंडा हो जाने दें. इसी पानी से सिर को धोते रहने से बाल मजबूत होते हैं, बालों का गिरना या झड़ना रुक जाता है. इसके अतिरिक्त सिर के कई रोगों में लाभ होता है. नीम के बीजों को पीसकर लगाने से या नीम के पत्तों  के काढ़े से सिर धोने से बालों की जुंए और लीखें मर जाती हैं. सिर में बालों के बीच छोटी-छोटी फुन्सियां हों, उनसे पीव निकलता हो या केवल खुजली होती हो तो नीम का प्रयोग बेहतर परिणाम देता है. बालों को नीम के काढ़े से धोकर रोज नीम का तेल (Neem ka Tel) लगाते रहने से तुरंत लाभ होता है.

नीम की पत्तियां (Neem ke patte) और अजवायन को बराबर मात्रा में पीस लें. इसका कनपटी पर लेप करने से नाक से खून बहना यानी नकसीर बन्द होता है.

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सिर दर्द से छुटकारा पाने के लिए भी आप नीम का उपयोग कर सकते हैं. इसके लिए आप सूखे नीम के पत्ते, काली मिर्च और चावल को बराबर मात्रा में मिलाकर बारीक चूर्ण बना लें. सूर्योदय से पहले सिर के जिस ओर दर्द हो, उसी ओर की नाक में इस चूर्ण को एक चुटकी भर नाक में डाल सकते हैं. इससे आधासीसी (अधकपारी) के दर्द यानी माइग्रेन में जल्द लाभ (Neem Ka Upyog) होता है. नीम का तेल को ललाट पर लगाने से भी सिर का दर्द ठीक हो सकता है.

खाली पेट कड़ी पत्ते का सेवन विशेष रूप से बेहतर पाचन स्वास्थ्य के साथ जुड़ा हुआ है. जब खाली पेट सेवन किया जाता है, तो कड़ी पत्ते पाचन एंजाइमों को उत्तेजित करते हैं और मल त्याग में मदद करते हैं. यह कब्ज से राहत दिलाने में भी मदद कर सकता है.

भूख न लगती हो या खाने की इच्छा न होती हो तो नीम की कोमल पत्तियों को घी में भून कर खाएं. भूख जग जाएगी और बदहजमी दूर होगी.

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नीम का इस्तेमाल आंखों के रोगों के लिए फायदेमंद माना जाता है. नीम का प्रयोग आंखों के दर्द, खुजली, लाली आदि सभी रोगों में भी काफी लाभकारी माना जाता है. यदि आंखों के ऊपर सूजन के साथ ही दर्द हो और अन्दर खुजली होती हो तो नीम के पत्ते तथा सोंठ को पीसकर थोड़ा सेंधा नमक मिला लें. इसे हल्का गर्म कर लें. एक कपड़े की पट्टी पर इसे रखकर आंखों पर बांधें. 2-3 दिन में आपको राहत मिल सकती है. इस समय ठंडे पानी एवं ठंढ़ी हवा से भी आंखों को बचाना चाहिए. अच्छा होगा कि यह प्रयोग रात को करें.

कड़ी पत्ते को चबाने से वजन कम करने में मदद मिलती है. बेहतर पाचन, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना, बेहतर कोलेस्ट्रॉल का स्तर इसमें सपोर्ट करता है.

नीम का इस्तेमाल दांतों के रोगों में लाभदायक माना जाता है. अत्यंत प्राचीन काल से ही नीम दातुन यानी दांतों को साफ करने के लिए नीम की दातुन का प्रयोग होता रहा है. नीम की दातुन करने से दांत संबंधित रोग नहीं होते हैं. इसके अलावा आप नीम की जड़ की छाल का चूर्ण 50 ग्राम, सोना गेरू 50 ग्राम व सेंधा नमक 10 ग्राम, इन तीनों को मिला कर खूब महीन पीस लें. इसे नीम के पत्ते (Neem Ke Patte) के रस में भिगो कर छाया में सुखा दें. यह एक भावना हुई. ऐसी ही तीन भावनायें देकर और सुखाकर शीशी में रख लें. इस चूर्ण से दांतों को मंजन करने से दांतों से खून गिरना, पीव निकलना, मुंह में छाले पड़ना, मुंह से दुर्गन्ध आना, जी का मिचलाना आदि रोग दूर (Neem Ke Fayde) होते हैं.

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कड़ी पत्ता मॉर्निंग सिकनेस यानी सुबह-सुबह होने वाली कमजोरी, मतली और उल्टी से लड़ने में भी सहायक है. यह पाचन क्रिया को बढ़ाता है जो इन बीमारियों का इलाज करने में मदद करता है।

पेट के कीड़ों को खत्म के लिए भी नीम का सेवन किया जाता है. नीम के फायदे से पेट के रोगों को भी ठीक किया जा सकता है. इसके लिए आप बैंगन या किसी और सब्जी के साथ नीम के 8-10 पत्तों को छौंक कर खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं.

शरीर में खून की कमी के कारण एनीमिया होता है और इस रोग से निजात पाने के लिए कड़ी पत्ते का सेवन फायदेमंद होता है. इसमें अधिक मात्रा में आयरन और फोलिक एसिड होता है.

पेट दर्द में नीम का उपयोग लाभदायक है. इसके लिए आप 40-50 ग्राम नीम की छाल को जौ के साथ कूटकर 400 मिली जल में पकाएं व इसमें 10 ग्राम नमक भी डाल दें. आधा शेष रहने पर गुनगुना कर पिलाने से पेटदर्द में आराम होता है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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