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बच्चे को बनाना है कोंफिडेंट तो उसमें छोटी उम्र से ही डालें ये 5 आदतें, बच्चों के डॉक्टर ने दिए खास टिप्स

Confident Children: बच्चों में आत्मविश्वास हो तो वे हर काम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं और बाकी बच्चों से आगे रहते हैं. ऐसे में आइए बच्चों के डॉक्टर से जानते हैं कि बच्चों के कोंफिडेंस को बढ़ाने के लिए उनमें कौनसी आदतें डाली जा सकती हैं. 

बच्चे को बनाना है कोंफिडेंट तो उसमें छोटी उम्र से ही डालें ये 5 आदतें, बच्चों के डॉक्टर ने दिए खास टिप्स
Habits That Make Children Confident: जानिए किस तरह बढ़ता है बच्चों का कोंफिडेंस. 

Confidence Boosting Tips: कहते हैं व्यक्ति में अगर आत्मविश्वास हो, हर काम को करने का जुनून हो और किसी भी मुश्किल से पार पाने की क्षमता हो तो सफलता भी ऐसे व्यक्ति के कदम चूमती है. लेकिन, ऐसे बहुत से लोग हैं जिनमें आत्मविश्वास की कमी (Low Confidence) होती है जिस चलते वे चाहकर भी आगे नहीं बढ़ पाते. कोई ना कोई अड़चन उन्हें रोक रही होती है या फिर वे कुछ भी करने से पहले इतना झिझकते हैं कि हर मौका हाथ से निकल जाता है. ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि बड़ा होकर आपका बच्चा भी खुद में कोंफिडेंस की कमी महसूस ना करे, तो पीडियाट्रिशियन के बताए टिप्स आपके काम आएंगे. बच्चों के डॉक्टर रवि मलिक ने पैरेंट्स के लिए कहा है कि उन्हें बच्चे में कम उम्र से ही ऐसी आदतें जरूर डालनी चाहिए जिससे बच्चे कोंफिडेंट बन सकें. ऐसे में आप भी जान लीजिए कि वो कौनसी आदते हैं जो बच्चे के कोंफिडेंस को बढ़ाने में मदद करती हैं. 

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बच्चे का कोंफिडेंस बढ़ाने वाली आदतें | Confidence Boosting Habits In Children 

पढ़ने की आदत 

डॉक्टर का कहना है कि बच्चों में पढ़ने की आदत जरूर डालनी चाहिए. पढ़ने का मतलब सिर्फ स्कूल की किताबें पढ़ना नहीं है बल्कि बच्चों को शौक के लिए भी किताबें पढ़ने के लिए कहें. रीडिंग हैबिट बच्चों की नॉलेज तो बढ़ाती ही है, साथ ही इससे कोंफिडेंस बढ़ता है सो अलग. 

एक्सरसाइज करना 

बच्चे हेल्दी और फिट रहते हैं तो उनका कोंफिडेंस भी बढ़ता है. ऐसे में दिन में कम से कम 30 मिनट बच्चों को एक्सरसाइज जरूर करवानी चाहिए. एक्सराइज (Exercise) से बच्चे चुस्ती भी महसूस करते हैं और हर काम में आगे रहते हैं. उन्हें जल्दी-जल्दी थकान नहीं होती है और वे हर काम को बेहतर तरीके से करते हैं. 

जंक फूड ना खाने की आदत 

जंक फूड बच्चों के लिए एक नहीं बल्कि कई तरह से नुकसानदायक होता है. इससे बच्चों की सेहत खराब होती है, कम उम्र में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें (Health Problems) बढ़ने लगती हैं और मोटापा हो जाता है. मोटापे के कारण बच्चों के आत्मविश्वास पर असर पड़ता है. इसीलिए बच्चों को जंक फूड से दूर रखना चाहिए और कभी-कभी कम से कम खिलाना चाहिए. 

कम्यूनिकेशन स्किल्स 

जिन लोगों में कम्यूनिकेशन स्किल्स (Communication Skills) की कमी होती है उनमें कोंफिडेंस की कमी भी देखने को मिलती है. कोशिश करें कि बचपन से ही बच्चों की कम्यूनिकेशन स्किल्स पर काम किया जाए. डॉक्टर का कहना है कि चाहे बच्चे बढ़े होकर खुद का बिजनेस करें या फिर पढ़ाई में आगे बढ़ें, जीवन के हर मोड़ पर उन्हें अच्छी कम्यूनिकेशन स्किल्स मदद करेंगी. 

बच्चों में डालें पॉजिटिविटी

बच्चों में दूसरों के प्रति उदारता और पॉजिटिविटी होनी चाहिए. साथ ही बच्चों में फ्रेंडलीनेस का भी गुण डालें. इससे बच्चों में टीम बिल्डिंग और लीडरशिप का गुण भी आता है. इन गुणों वाले व्यक्ति में किसी से भी बात करने का और किसी भी काम को करने का कोंफिडेंस होता है.

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