रात में अगर नींद नहीं आती है तो इसके लिए काफी हद तक आपका लाइफस्टाइल जिम्मेदार है
नई दिल्ली:
क्या आप ठीक से नहीं सो पा रहे हैं? स्ट्रेस यानी कि तनाव से छुटकारा पाने के लिए आप सब कुछ कर चुके हैं, यहां तक कि दवाइयां भी खा रहे हैं? लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है कि दिन भर में आप जो भी खाते-पीते हैं उसका सीधा असर नींद और घबराहट पर पड़ता है? खाने की कुछ चीजें ऐसी हैं जो हमारी लाइफस्टाइल का हिस्सा तो हैं ही साथ ही उन्हें हेल्दी भी समझा जाता है. लेकिन ये चीजें हमारे नर्वस सिस्टम को बहुत ज्यादा उत्तेजित कर देती हैं. ठीक उसी तरह जैसे किसी लंबे तनावूर्ण ईवेंट या सेशन के बाद हमारा नर्वस सिस्टम उत्तेजित हो जाता है. हालांकि कुछ दवाइयां ऐसी हैं जिन्हें खाकर आपको फौरी राहत जरूर मिल जाएगी लेकिन समस्या की जड़ तक पहुंचकर ही आप इससे निजात पा सकते हैं.
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यहां पर हम आपको उन खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं जो नींद न आने और घबराहट का कारण बनते हैं:
1. कैफीन
कई शोधों में इस बात का खुलासा हो चुका है कि कैफीन के सेवन से स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाते हैं जिससे पैनिक अटैक आने की आशंका रहती है. आपने यह भी देखा होगा कि नींद भगाने के लिए अकसर लोग कॉफी पीते हैं. दरअसल, कॉफी में मौजूद कैफीन दिमाग के एड्नोसाइन रिसेप्टर्स को ब्लॉक कर देती है. शोधों के मुताबिक कैफीन को हमारे सिस्टम से बाहर जाने में कम से कम 24 घंटे का समय लगता है. ऐसे में आपको धीरे-धीरे कॉफी पीना कम करना चाहिए. हो सकता है कि इसी वजह से आपको रात में नहीं नहीं आ रही हो.
2. नाइटशेड फैमिली
बैंगन, आलू, टमाटर और काली मिर्च नाइटशेड फैमिली के खाद्य पदार्थ हैं. नाइटशेड फैमिली में आने वाली ज्यादातर चीजें ग्लाइकोकलोइड्स बनाती हैं. ये नैचुरल पेस्टीसाइड हैं जो कीड़ों का खात्मा करते हैं. लेकिन ये पेस्टीसाइड मानव सेल्स में नकारात्मक प्रभाव भी डालते हैं. ये नर्वस सिस्टम को अतिउत्तेजित कर घबराहट पैदा करते हैं. नाइटशेड फैमिली में आनी वाली चीजों को लोग रोजाना ही खाते हैं. ऐसे में इनमें मौजूद केमिकल शरीर में इकट्ठा होते रहते हैं. इन केमिकल्स को सिस्टम से बाहर निकलने में पांच से सात दिन का समय लगता है.
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3. शराब
आपको ऐसा लगता है कि शराब रिलैक्स होकर सोने में आपकी मदद करती है. लेकिन शायद आपको यह नहीं पता कि आधी रात को शराब का असर कम होने लगता है और आपकी नींद पर असर पड़ना शुरू हो जाता है. जैसे-जैसे शराब उतरनी शुरू होती है वैसे-वैसे पैनिक अटैक और नींद के दौरान बेचैनी बढ़ने लगती है. ऐसे में जो लोग रोज शराब पीते हैं उन्हें धीरे-धीरे इसे छोड़ना चाहिए.
4. रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे कि चीनी, आटा
योगर्ट, संतरे का जूस और सेरेल्स में मौजूद शुगर को रिफाइंड कार्ब्स कहते हैं. ये हमारे ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा देते हैं और हमें लगता है कि हमारे अंदर एनर्जी आ गई है. जब शरीर में मौजूद इंसुलिन ब्लड शुगर लेवल को नॉर्मल करने लगता है तब कॉर्टीसोल रिलीज होता है. कॉर्टीसोल एक तरह का स्ट्रेस हार्मोन है. आप में से जो लोग रात में ब्रेड, चिप्स या नूडल्स जैसे रिफाइंड कार्ब्स खाते हैं उन्हें शायद अब पता चल गया होगा कि उन्हें सोने में दिक्कत क्यों होती है.
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5 फर्मेंटेड और स्मोक्ड खाना जैसे कि सलामी चीज़ या रेड वाइन
ताजे खाने में फर्मेंटेशन के जरिए बैक्टीरिया लाकर खाने को स्वादिष्ट बनाया जाता है. ये बैक्टीरिया खाने में मौजूद प्रोटीन को तोड़कर उन्हें छोटे-छोटे मॉलेक्यूल यानी कि अणुओं में बदल देते हैं. ये मॉलेक्यूल समय के साथ बढ़ते जाते हैं. ये मॉलेक्यूल हमारे डाइजेस्टिव, कार्डियोवस्कुलर (हृदयवाहिनी) और नर्वस सिस्टम पर विपरीत प्रभाव डालते हैं. ये हमारे शरीर के अड्रेनलिन लेवल को बढ़ा देते हैं जिससे बेचैनी होने लगती है और नींद नहीं आती है.
Video: जब रात को नींद न आए तो ये हैं उपाय
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यहां पर हम आपको उन खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं जो नींद न आने और घबराहट का कारण बनते हैं:
1. कैफीन
कई शोधों में इस बात का खुलासा हो चुका है कि कैफीन के सेवन से स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाते हैं जिससे पैनिक अटैक आने की आशंका रहती है. आपने यह भी देखा होगा कि नींद भगाने के लिए अकसर लोग कॉफी पीते हैं. दरअसल, कॉफी में मौजूद कैफीन दिमाग के एड्नोसाइन रिसेप्टर्स को ब्लॉक कर देती है. शोधों के मुताबिक कैफीन को हमारे सिस्टम से बाहर जाने में कम से कम 24 घंटे का समय लगता है. ऐसे में आपको धीरे-धीरे कॉफी पीना कम करना चाहिए. हो सकता है कि इसी वजह से आपको रात में नहीं नहीं आ रही हो.
2. नाइटशेड फैमिली
बैंगन, आलू, टमाटर और काली मिर्च नाइटशेड फैमिली के खाद्य पदार्थ हैं. नाइटशेड फैमिली में आने वाली ज्यादातर चीजें ग्लाइकोकलोइड्स बनाती हैं. ये नैचुरल पेस्टीसाइड हैं जो कीड़ों का खात्मा करते हैं. लेकिन ये पेस्टीसाइड मानव सेल्स में नकारात्मक प्रभाव भी डालते हैं. ये नर्वस सिस्टम को अतिउत्तेजित कर घबराहट पैदा करते हैं. नाइटशेड फैमिली में आनी वाली चीजों को लोग रोजाना ही खाते हैं. ऐसे में इनमें मौजूद केमिकल शरीर में इकट्ठा होते रहते हैं. इन केमिकल्स को सिस्टम से बाहर निकलने में पांच से सात दिन का समय लगता है.
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3. शराब
आपको ऐसा लगता है कि शराब रिलैक्स होकर सोने में आपकी मदद करती है. लेकिन शायद आपको यह नहीं पता कि आधी रात को शराब का असर कम होने लगता है और आपकी नींद पर असर पड़ना शुरू हो जाता है. जैसे-जैसे शराब उतरनी शुरू होती है वैसे-वैसे पैनिक अटैक और नींद के दौरान बेचैनी बढ़ने लगती है. ऐसे में जो लोग रोज शराब पीते हैं उन्हें धीरे-धीरे इसे छोड़ना चाहिए.
4. रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे कि चीनी, आटा
योगर्ट, संतरे का जूस और सेरेल्स में मौजूद शुगर को रिफाइंड कार्ब्स कहते हैं. ये हमारे ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा देते हैं और हमें लगता है कि हमारे अंदर एनर्जी आ गई है. जब शरीर में मौजूद इंसुलिन ब्लड शुगर लेवल को नॉर्मल करने लगता है तब कॉर्टीसोल रिलीज होता है. कॉर्टीसोल एक तरह का स्ट्रेस हार्मोन है. आप में से जो लोग रात में ब्रेड, चिप्स या नूडल्स जैसे रिफाइंड कार्ब्स खाते हैं उन्हें शायद अब पता चल गया होगा कि उन्हें सोने में दिक्कत क्यों होती है.
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ताजे खाने में फर्मेंटेशन के जरिए बैक्टीरिया लाकर खाने को स्वादिष्ट बनाया जाता है. ये बैक्टीरिया खाने में मौजूद प्रोटीन को तोड़कर उन्हें छोटे-छोटे मॉलेक्यूल यानी कि अणुओं में बदल देते हैं. ये मॉलेक्यूल समय के साथ बढ़ते जाते हैं. ये मॉलेक्यूल हमारे डाइजेस्टिव, कार्डियोवस्कुलर (हृदयवाहिनी) और नर्वस सिस्टम पर विपरीत प्रभाव डालते हैं. ये हमारे शरीर के अड्रेनलिन लेवल को बढ़ा देते हैं जिससे बेचैनी होने लगती है और नींद नहीं आती है.
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