लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप (एलडीआर) उस रिश्ते को कहते हैं जिसमें दोनों लोग दो अलग अलग शहरों या देशों में रहते हैं. ऐसे रिश्ते को लेकर आम धारणा ये है कि दूरी की वजह से दो लोग एक दूसरे को उतना वक्त नहीं दे पाते जितना एक रिश्ते को सींचने के लिए जरूरी होता है. ये भी कहा जाता है कि एलडीआर में शक की गुंजाइश ज्यादा होती है, लिहाजा ऐसे रिश्तों की उम्र कम होती है.
अगर आप भी एलडीआर के बारे में कुछ ऐसा ही सोचते हैं तो हम आपको बताते हैं ऐसे रिलेशनशिप के वो 5 फायजे जिन्हें जानकर आप थोड़े वक्त के लिए ही सही, लेकिन अपने साथ से लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में रहने की सोचेंगे जरूर.
1.अगर दूरी झेल ली, तो सब झेल लेंगे
‘अगर आप किसी के साथ रहना चाहते हैं, तो पहले ये सीखें आप उनके बिना रह सकते हैं या नहीं’. अगर इस कहावत की मानें तो एलडीआर हर रिश्ते की नींव होनी चाहिए.ऐसा रिश्ता आप दोनों का ‘लव टेस्ट’ भी हो सकता है. ऊपर से चिट्ठी लिखकर, तोहफे भेजकर दिल की बात शेयर करने का फॉर्मूला आज भी कारगर है. और इसकी गुंजाइश एलडीआर में ही है.
1.बेहतर कम्युनिकेशन स्किल
किसी भी रिश्ते में सबसे अहम होती है दो लोगों के बीच होने वाली बातचीत. क्योंकि ये एक बड़ा जरिया होता है किसी को भी जानने, समझने और परखने का. इसलिए जरूरी है कि आप बातचीत की कला में माहिर हों.जो लोग एलडीआर में होते हैं उनमे ये टैलेंट खुद ब खुद आ जाता है क्योंकि उनके लिए प्यार जताना और दिल की बात जाहिर करना किसी चैलेंज से कम नहीं.
3.एक दूसरे के प्रति समर्पण बढ़ता है.
एलडीआर का एक फायदा ये भी है कि ऐसे रिश्ते निभा रहे दोनों लोगों को उनका स्पेस मिलता है. बात-बात पर रोकने-टोकने वाला कोई होता नहीं इसलिए ज्यादा रूठने-मनाने की बात भी बेईमानी होती है. जो लोग ऐसे रिश्ते को निभाते हैं उन्हें अपनी हद पता होती है. उन्हें इस बात का भी एहसास रहता है कि उनका पार्टनर वक्त या पैसे की कमी के कारण उनसे मिलने नहीं आ पा रहा. ऐसे में हौले-हौले दोनों एक दूसरे की जरूरत, कमियों और परेशानियों के साथ खुद को ढालते जाते हैं और रिश्ते में आगे बढ़ते हैं. इन सबके बाद जब दोनों साथ रहने लगते हैं तो छोटी-छोटी परेशानियां मायने नहीं रखतीं.
4.फिजिकल लव से भी बढ़कर होता है ऐसा रिश्ता
अपने पार्टनर को साल में दो-तीन बार ही देख पाना, उदासी के पल में उनका हाथ ना थाम पाने की कसक, खुशी में उन्हें गले ना लगा पाने का मलाल, एलडीआर वालों को हमेशा रहता है. फिर भी अगर दोनों के बीच ऐसा रिश्ता ना सिर्फ कायम है बल्कि दिन ब दिन गहरा होता जा रहा है तो इसका आधार सिर्फ इमोश्नल एलिमेंट हैं. और ये तो आप भी मानेंगे कि जो रिश्ता बिना फिजिकल लव के टिक गया उसमें हर कमी और चुनौती में भी डटे रहने की कुवत होती है.
5.बनी रहती है रिश्ते की गर्माहट
एलडीआर में रहने वाले लोगों के लिए सबसे खास ये होता है कि उनके पास बातों की कमी नहीं होती. ऐसा इसलिए क्योंकि वो एक दूसरे के साथ ज्यादा वक्त नहीं बिताते, इसलिए बताने के लिए बहुत कुछ होता है. इसके अलावा एक दूसरे से अगली मुलाकात, घंटो साथ बैठकर बातें करने की चाहत और साथ लंच करने को लेकर एक्साइटमेंट बनी रहती है, क्योंकि ये सबकुछ एक लंबे गैप पर ही होता है.
अगर आप भी एलडीआर के बारे में कुछ ऐसा ही सोचते हैं तो हम आपको बताते हैं ऐसे रिलेशनशिप के वो 5 फायजे जिन्हें जानकर आप थोड़े वक्त के लिए ही सही, लेकिन अपने साथ से लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में रहने की सोचेंगे जरूर.
1.अगर दूरी झेल ली, तो सब झेल लेंगे
‘अगर आप किसी के साथ रहना चाहते हैं, तो पहले ये सीखें आप उनके बिना रह सकते हैं या नहीं’. अगर इस कहावत की मानें तो एलडीआर हर रिश्ते की नींव होनी चाहिए.ऐसा रिश्ता आप दोनों का ‘लव टेस्ट’ भी हो सकता है. ऊपर से चिट्ठी लिखकर, तोहफे भेजकर दिल की बात शेयर करने का फॉर्मूला आज भी कारगर है. और इसकी गुंजाइश एलडीआर में ही है.
1.बेहतर कम्युनिकेशन स्किल
किसी भी रिश्ते में सबसे अहम होती है दो लोगों के बीच होने वाली बातचीत. क्योंकि ये एक बड़ा जरिया होता है किसी को भी जानने, समझने और परखने का. इसलिए जरूरी है कि आप बातचीत की कला में माहिर हों.जो लोग एलडीआर में होते हैं उनमे ये टैलेंट खुद ब खुद आ जाता है क्योंकि उनके लिए प्यार जताना और दिल की बात जाहिर करना किसी चैलेंज से कम नहीं.
3.एक दूसरे के प्रति समर्पण बढ़ता है.
एलडीआर का एक फायदा ये भी है कि ऐसे रिश्ते निभा रहे दोनों लोगों को उनका स्पेस मिलता है. बात-बात पर रोकने-टोकने वाला कोई होता नहीं इसलिए ज्यादा रूठने-मनाने की बात भी बेईमानी होती है. जो लोग ऐसे रिश्ते को निभाते हैं उन्हें अपनी हद पता होती है. उन्हें इस बात का भी एहसास रहता है कि उनका पार्टनर वक्त या पैसे की कमी के कारण उनसे मिलने नहीं आ पा रहा. ऐसे में हौले-हौले दोनों एक दूसरे की जरूरत, कमियों और परेशानियों के साथ खुद को ढालते जाते हैं और रिश्ते में आगे बढ़ते हैं. इन सबके बाद जब दोनों साथ रहने लगते हैं तो छोटी-छोटी परेशानियां मायने नहीं रखतीं.
4.फिजिकल लव से भी बढ़कर होता है ऐसा रिश्ता
अपने पार्टनर को साल में दो-तीन बार ही देख पाना, उदासी के पल में उनका हाथ ना थाम पाने की कसक, खुशी में उन्हें गले ना लगा पाने का मलाल, एलडीआर वालों को हमेशा रहता है. फिर भी अगर दोनों के बीच ऐसा रिश्ता ना सिर्फ कायम है बल्कि दिन ब दिन गहरा होता जा रहा है तो इसका आधार सिर्फ इमोश्नल एलिमेंट हैं. और ये तो आप भी मानेंगे कि जो रिश्ता बिना फिजिकल लव के टिक गया उसमें हर कमी और चुनौती में भी डटे रहने की कुवत होती है.
5.बनी रहती है रिश्ते की गर्माहट
एलडीआर में रहने वाले लोगों के लिए सबसे खास ये होता है कि उनके पास बातों की कमी नहीं होती. ऐसा इसलिए क्योंकि वो एक दूसरे के साथ ज्यादा वक्त नहीं बिताते, इसलिए बताने के लिए बहुत कुछ होता है. इसके अलावा एक दूसरे से अगली मुलाकात, घंटो साथ बैठकर बातें करने की चाहत और साथ लंच करने को लेकर एक्साइटमेंट बनी रहती है, क्योंकि ये सबकुछ एक लंबे गैप पर ही होता है.
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