कोविड-19 संबंधी 47 प्रतिशत मौत के मामलों में 60 साल से कम उम्र के लोग शामिल: स्वास्थ्य मंत्रालय

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 (covid-19) संबंधी 47 प्रतिशत मौत के मामलों में 60 साल से कम उम्र के लोग शामिल हैं.

कोविड-19 संबंधी 47 प्रतिशत मौत के मामलों में 60 साल से कम उम्र के लोग शामिल: स्वास्थ्य मंत्रालय

कोविड-19 संबंधी 47 प्रतिशत मौत के मामलों में 60 साल से कम उम्र के लोग शामिल: स्वास्थ्य मंत्रालय

नई दिल्ली:

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 (covid-19) संबंधी 47 प्रतिशत मौत के मामलों में 60 साल से कम उम्र के लोग शामिल हैं. मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, कि कोविड-19 संबंधी मौतों में 70 प्रतिशत मामले पुरुषों और 30 प्रतिशत मामले महिलाओं से संबंधित हैं. भूषण ने कहा, ‘‘कोविड-19 संबंधी मौत के लगभग 53 प्रतिशत मामलों में लोगों की उम्र 60 साल या इससे अधिक रही। मौत के 35 प्रतिशत मामलों में 45-60 वर्ष आयु समूह के लोग शामिल रहे हैं. 10 प्रतिशत मामलों में 26-44 वर्ष आयु समूह के लोग शामिल रहे. 18-25 वर्ष आयु समूह और 17 साल से कम उम्र के लोगों में एक-एक प्रतिशत मौत के मामले देखने को मिले.'' विभिन्न आयु समूहों में मृत्युदर के आंकड़े उपलब्ध कराते हुए उन्होंने कहा, कि 60 साल और इससे अधिक आयु समूह में मौत के मामलों में 24.6 प्रतिशत लोगों को पहले से कोई न कोई बीमारी थी, जबकि 4.8 प्रतिशत मामलों में लोगों को पहले से कोई बीमारी नहीं थी.

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उन्होंने बताया कि 45-60 वर्ष आयु समूह के लोगों की मौत के मामले में 13.9 प्रतिशत रोगी पहले से किसी अन्य बीमारी से पीड़ित थे, जबकि 1.5 प्रतिशत लोग पहले से किसी अन्य बीमारी से पीड़ित नहीं थे. भूषण ने कहा, कि 45 साल से कम उम्र के रोगियों की मौत के मामले में 8.8 प्रतिशत लोगों को पहले से कोई न कोई बीमारी थी, जबकि 0.2 प्रतिशत मामलों में लोगों को पहले से कोई बीमारी नहीं थी. उन्होंने बताया, कि कुल मृत्युदर में पहले से किसी न किसी बीमारी से पीड़ित लोगों की मृत्युदर 17.9 प्रतिशत है और उन लोगों की मृत्युदर 1.2 प्रतिशत है जिन्हें पहले से कोई बीमारी नहीं थी. भूषण ने बताया, कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने की कुल, साप्ताहिक और प्रतिदिन की दर में कमी आई है तथा यह क्रमश: 8.07 प्रतिशत, 6.24 प्रतिशत तथा 5.16 प्रतिशत है.

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उन्होंने कहा, कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने की औसत दैनिक दर जो नौ सितंबर से 15 सितंबर के बीच 8.50 प्रतिशत थी, वह सात अक्टूबर से 13 अक्टूबर के बीच कम होकर 6.24 प्रतिशत रह गई है. भूषण ने कहा, कि आज की तिथि के अनुसार देश में कोविड-19 के 8,38,729 उपचाराधीन मरीज हैं और इनकी संख्या लगातार पांचवें दिन नौ लाख से नीचे बनी हुई है. उन्होंने कहा, कि कोविड-19 संबंधी जांच में उल्लेखनीय तेजी आई है और संक्रमण की दर में भी लगातार गिरावट आई है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने लोगों से आग्रह किया कि वे सर्दी के दिनों में आगामी त्योहारों के दौरान मास्क पहनने और भौतिक दूरी बनाकर रखने जैसे कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों का उचित पालन करें. उन्होंने कहा कि संक्रमण के मामलों में स्थिरता आने की स्थिति में भी ढिलाई बरतने का कोई कारण नहीं है.

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यह उल्लेख करते हुए कि कई देशों में महामारी दुबारा चरम पर पहुंच रही है और लॉकडाउन लगाया जा रहा है, पॉल ने कहा कि देखने में आ रहा है कि कई लोग दिशा-निर्देशों के पालन में ढिलाई बरत रहे हैं. उन्होंने कहा, कि युवा लोग सावधानी बरतें क्योंकि वे अपने परिवार में बड़ों को भी संक्रमित कर सकते हैं. पॉल ने कहा, कि नोवेल कोरोना वायरस सांस के जरिए आगे बढ़ने वाला विषाणु है और ऐसे विषाणु सर्दी के दिनों में अधिक हमला करते हैं. उन्होंने कहा, कि सर्दी के आगामी महीनों में और त्योहारों के दौरान लोगों को निमोनिया तथा इन्फ्लुएंजा जैसे श्वसन संक्रमण का अधिक जोखिम होगा. पॉल ने लोगों से अपील की कि वे आवश्यक रूप से मास्क पहनें और इसे लेकर कोई ढिलाई न बरतें क्योंकि वैज्ञानिक विश्लेषणों से पता चला है कि इस तरीके से महामारी को 36-50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)